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मोदी को नहीं, भारतीय सनातन संस्कृति को मिला अवॉर्ड
जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूएन की तरफ से चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड दिया जा रहा था, उस वक्त कौन भारतीय होगा, जिसका सीना गर्व से चौड़ा नहीं हुआ होगा. यह अवार्ड हमारे संपूर्ण देशवासियों के लिए गर्व की बात है. धरती की सुरक्षा के लिए उन्होंने प्लास्टिक, प्रदूषित जल, गंदगी आदि के […]
जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूएन की तरफ से चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड दिया जा रहा था, उस वक्त कौन भारतीय होगा, जिसका सीना गर्व से चौड़ा नहीं हुआ होगा. यह अवार्ड हमारे संपूर्ण देशवासियों के लिए गर्व की बात है. धरती की सुरक्षा के लिए उन्होंने प्लास्टिक, प्रदूषित जल, गंदगी आदि के खिलाफ मोर्चा खोल देशवासियों से पूर्णत: इसके प्रयोग से बचने का आग्रह किया, जो विश्वव्यापी था.
इसकी सराहना पूरी दुनिया ने की थी. वह आज भी विश्व के सच्चे मार्गदर्शक के रूप में दिखाई दे रहे हैं, चाहे योग की बातकरें या स्वच्छता की, भारत विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. यह सफलता उन्हीं के अथक परिश्रम का परिणाम है. इसके अलावा, भारत विश्व की तुलना में सर्वाधिक सौर ऊर्जा की क्षमता में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
नयन तिवारी, चन्नों, भागलपुर
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