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धनतेरस आज, लक्ष्मी प्राप्ति का चमत्कारी प्रयोग, यम दीपदान से अकाल मृत्यु का भय होगा समाप्त, जानें खरीदारी का शुभ मुहूर्त

बिमलेश कुमार हमारे धर्म में ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन यमराज के उद्देश्य से जो कोई भी दीप दान करेगा उसकी आकस्मिक मृत्यु नहीं होगी. न ही उसके घर में अकाल मृत्यु होगी. वस्तुत: यह यमराज से संबंध रखने वाला व्रत है. इस दिन यम दीपदान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से अकाल […]

बिमलेश कुमार

हमारे धर्म में ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन यमराज के उद्देश्य से जो कोई भी दीप दान करेगा उसकी आकस्मिक मृत्यु नहीं होगी. न ही उसके घर में अकाल मृत्यु होगी. वस्तुत: यह यमराज से संबंध रखने वाला व्रत है. इस दिन यम दीपदान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है. पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करने से हो जाती है. कुछ लोग नरक चतुर्दशी के दिन भी दीपदान करते हैं.

यम दीपदान के लिए मिट्टी के दीपक में तिल या सरसों के तेल में काला तिल डाल कर दीपक की रोली, अक्षत एवं पुष्प से पूजन करें. उसके बाद घर के मुख्य दरवाजे के बाहर थोड़ा अनाज अथवा गेहूं से ढेर बनाकर उसके ऊपर दीपक को रखें. दीपक को रखने से पहले प्रज्वलित कर लें और दक्षिण की ओर देखते हुए दीपक को अन आदि की ढेरी के ऊपर रख दें.

इस दिन स्थिर लग्न में यंत्र बरतन आदि सहित कोई भी धातु खरीदना शुभ फलदायक होता है. त्रयोदशी तिथि का मान चार नवंबर 2018 दिन रविवार को रात 12:51 बजे से पांच नवंबर 2018 दिन सोमवार की रात 11:17 बजे तक है. अर्थात त्रयोदशी तिथि अर्थात धन त्रयोदशी तिथि 05 नवंबर 2018 दिन सोमवार को सूर्योदय से रात 11:17 तक रहेगा. अत: गृहोपयोगी सामान त्रयोदशी तिथि के स्थिर लग्न में खरीदना श्रेयस्कर होता है. इस दिन संपूर्ण दिन उत्तरा हस्त नक्षत्र, विष्कुम्भ योग एवं वज्र योगा व्याप्त रहेगा.

त्रयोदशी तिथि में स्थिर लग्न होने के कारण इस बीच की गयी खरीदारी शुभफलदायी होता है. इस दिन लक्ष्मी पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदोष काल एवं वृष लग्न 05:35 से 07:30 बजे रात तक है. इस दिन शुक्र तुला राशि में स्वगृही होकर मालव्य योग के साथ विद्यमान है तथा मंगल अपनी उच्च राशि मकर में विद्यमान रहेंगे, देव गुरु बृहस्पति मंगल की राशि वृश्चिक में विद्यमान होंगे, जो पूर्ण शुभ फलदायक होंगे और व्यापारिक वृद्धि एवं चमक धमक में वृद्धि होगी.

(लेखक वास्तु विशेषज्ञ हैं)

धनतेरस पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के लिए इन यंत्रों का प्रयोग करें

श्री यंत्र : स्थायी लक्ष्मी एवं अनंत ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए इसे यंत्रों का राजा माना जाता है.

कुबेर यंत्र : जैसा नाम वैसा काम, जब लक्ष्मी की सारी साधना विफल हो जाये, तब कुबेर यंत्र का स्थापना मनुष्य को अपार धन दौलत प्रदान करती है.

श्री महालक्ष्मी यंत्र : दरिद्रता का खातमा एवं धन के आगमन के लिए. पैसों में जबर्दस्त बरकत के लिए पूजा वाले स्थान या गल्ले में रखना बहुत ही शुभ है.

श्री बगलामुखी यंत्र : शत्रु, मुकदमा व व्यावसायिक बाधा व राजकीय कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए यह यंत्र बहुत उपयोगी है.

श्री कनकधारा यंत्र : लक्ष्मी प्राप्ति में रामबाण, अपने आप में अचूक, स्वयं सिद्ध तथा एेश्वर्य के लिए. यह यंत्र जहां पर भी होते हैं वहां कोई तंत्र प्रयोग होता ही नहीं और अगर पहले से है, तो यह यंत्र लगते ही तंत्र प्रयोग स्वत: समाप्त हो जाता है.

व्यापार वृद्धि यंत्र : व्यापार की उच्च स्तरीय उन्नति–प्रगति कि लिए दुकान के गल्ले में या पूजा वाले स्थान में रखा जाता है.

वहन दुर्घटना नाशक यंत्र : कार, बस, टैक्सी, ट्रक आदि वाहनों की दुर्घटना से रक्षा के लिए वाहन के अंदर लगाया जाता है.

महामृत्युंजय यंत्र : यह आयु वर्धक, भावी दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु को रोकने वाला स्वास्थ्य वर्धक और भयंकर रोगों से बचाने के लिए है.

धनतेरस में खरीदारी का शुभ मुहूर्त

(1) सुबह 07:07 से 09:15बजे तक

(2) दोपहर 01:00 से 02:30 बजे तक

(3) रात 05:35 से 07:30 बजे तक

Prabhat Khabar Digital Desk
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