कोलंबो: श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद अब राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है. श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksha Resigns) व स्वास्थ्य मंत्री प्रोफेसर चन्ना जयसुमना ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने राजधानी कोलंबो में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है. इस्तीफे से पूर्व प्रधानमंत्री राजपक्षे ने कहा था कि वह जनता के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं. इसके बाद से इस्तीफे की अटकले लगायी जा रही थी.
विपक्ष ने आर्थिक संकट के बाद प्रधानमंत्री से की थी इस्तीफे की मांग
आर्थिक संकट के बाद विपक्षी दल ने भी राजधानी कोलंबो सहित देश भर में आंदोलन कर प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटाबाया से इस्तीफे की मांग की थी. विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति पर विफलता का आरोप लगाया था. साथ ही विपक्षी दल श्रीलंका को आर्थिक संकट ने निकालने के लिए संयुक्त सरकार के गठन की मांग कर रहा था. विपक्षी दल बीते कई दिनों से सड़क से सदन तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था.
रजापक्षे के समर्थकों के हमले में 2 दर्जन से अधिक लोग हुए घायल
राजधानी कोलंबो में विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों के हमले से करीब 16 लोग घायल हो गये थे. राजधानी कोलंबो में हिंसा के बाद भारी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस प्रवक्ता ने स्थानीय मीडिया के हवाले से अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पूरे श्रीलंका में कर्फ्यू लगा दिया है.
एक महीने के अंदर दूसरी बार लगी इमरजेंसी
कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. शुक्रवार मध्य रात्रि को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने विशेष कैबिनेट के साथ बैठक कर इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी. श्रीलंका में एक महीना के अंदर दूसरी बार इमरजेंसी लगानी पड़ी है.
राजपक्षे ने इस्तीफे के बाद ट्वीट कर जनता से की अपील
इस्तीफे के बाद पूर्व प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर जनता से संयम बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हम आज आर्थिक संकट में हैं, जहां आर्थिक सामाधान ढूंढ़ने की जरूरत है.