Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के बीच सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका में चीन की कुछ परियोजनाएं हैं. लेकिन, देश को चीन या किसी और को नहीं सौंपा गया है. बता दें कि आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. इसके चलते लोग पिछले दिनों घंटों बिजली गुल रहने व ईंधन, खाद्य सामग्री, तथा रोजमर्रा की जरूरत के सामान की कमी के कारण सड़कों पर उतर आए और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करने लगे है.
मदद के लिए भारत को धन्यवाद दिया
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने बीते दिनों समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मदद के लिए भारत को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत ने इस संकट के समय सबसे अधिक मदद की है. इतना ही नहीं भारत अभी भी गैर-वित्तीय तरीकों से हमारी मदद कर रहा है. इसलिए, हमें उनका आभारी होना चाहिए. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मौजूदा सरकार के तहत कोई भारी चीनी निवेश नहीं किया गया है. मुझे लगता है कि ऋणों के पुनर्भुगतान के पुनर्निर्धारण के बारे में चर्चा चल रही है. उन्हें चीनी सरकार से बात करनी है, मुझे बस इतना ही पता है.
राजपक्षे सरकार को जिम्मेदार ठहरा चुके है पूर्व पीएम
पूर्व पीएम ने श्रीलंका में कुप्रबंधन के लिए राजपक्षे को भी जिम्मेदार ठहरा चुके है. रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था की देखभाल नहीं की. उन्हें कई बार उन्हें आईएमएफ में जाने के लिए कहा गया. उन्होंने केंद्रीय बैंक और ट्रेजरी की सलाह पर नहीं जाने का फैसला किया. लोग अब कीमत चुका रहे हैं. यह समझ में आता है कि वे एक परिवर्तन चाहते हैं.