रांची: राजधानी में लागू किये गये मास्टर प्लान के आधार पर पूरे शहर का जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है. दिल्ली की कंपनी डीडीएफ कंस्लटेंट ने सोमवार को निगम सभाकक्ष में स्टेक होल्डरों के समक्ष जोनल प्लान का प्रेजेंटेशन दिया. प्रेजेंटेशन में आधी-अधूरी जानकारी को देखते हुए स्टेक होल्डरों ने इसे कागजी प्लान करार दिया. प्रेजेंटेशन में उपस्थित आर्किटेक्ट, डेवलपर और पार्षदों ने कंपनी के प्रतिनिधियों को हर वार्ड का सर्वे कर रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा.
मौके पर कंपनी के प्रतिनिधि सुनील ने कहा कि मास्टर प्लान के अनुसार पूरे शहर को सात जोन में बांटा गया है. उसी के आधार पर हरेक जोन में सड़क, सीवरेज-ड्रेनेज, जलापूर्ति, बिजली, पार्क, सामुदायिक केंद्र, खेल मैदान, ट्रासपोर्ट सिस्टम, स्कूल, कॉलेज, हेल्थ सेंटर सहित अन्य सुविधाओं का आकलन किया गया है. इसका ड्रॉफ्ट बनाकर नगर विकास विभाग को सौंपा गया है. मौके पर मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, उप नगर आयुक्त संजय कुमार, टाउन प्लानर उदय सहाय, एचके सिंह, पूजा कुमारी, आर्किटेक्ट राजीव चड्डा सहित शहर के कई नामी गिरामी बिल्डर उपस्थित थे.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर
कंपनी की ओर से बताया गया कि मास्टर प्लान में सार्वजनिक परिवहन सिस्टम के रूप में मोनो रेल, बीआरटीएस चलाने पर जोर दिया गया है. उसी आधार पर जोनल प्लान में इसे विस्तृत रूप से प्लान किया गया है. तीन फेज में मोनो रेल चलाने, रिंग रोड और इनर सर्कुलर रिंग रोड पर बीआरटीएस चलाने का प्रस्ताव दिया गया है. प्रमुख सड़कों की चौड़ाई में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है. कार्यक्रम में मेयर ने कहा कि कंपनी 55 वार्ड का विस्तृत प्लान बनाकर जोनवाइज पेश करें. इसमें सड़क की चौड़ाई और हर सुविधा का जिक्र होना चाहिए. इसके बाद ही स्टेक होल्डर जोनल प्लान पर किसी तरह का कोई निर्णय लेंगे. डिप्टी मेयर ने कहा कि सभी वार्ड का स्वरूप, प्रमुख सड़कों की लिंक रोड और मोहल्लों में दी जानेवाली सुविधाओं के आधार पर शहरी क्षेत्र का जोनवाइज प्लान बनाया जाये. कौन सी सड़क की चौड़ाई कितनी होगी और कहां-कहां जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. उसकी भी विस्तृत जानकारी दी जाये.
