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टीवीएनएल को रोज एक करोड़ का घाटा, कोयले की आपूर्ति नहीं एक यूनिट जून से बंद

रांची : तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) में कोयले की आपूर्ति कम हो रही है. इस कारण 14 जून से एक यूनिट बंद रखनी पड़ रही है. निगम को प्रतिदिन एक करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. वहीं, झारखंड को भी प्रतिदिन 180 मेगावाट बिजली कम मिल रही है. तेनुघाट में फिलहाल एक ही […]

रांची : तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) में कोयले की आपूर्ति कम हो रही है. इस कारण 14 जून से एक यूनिट बंद रखनी पड़ रही है. निगम को प्रतिदिन एक करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. वहीं, झारखंड को भी प्रतिदिन 180 मेगावाट बिजली कम मिल रही है. तेनुघाट में फिलहाल एक ही यूनिट चालू है, जिससे 170 से 180 मेगावाट का ही उत्पादन हो रहा है. दोनों यूनिट से औसतन 360 से 380 मेगावाट तक उत्पादन होता था.

सड़क मार्ग से अतिरिक्त बोझ : टीवीएनएल में प्रतिदिन पांच हजार टन कोयले की जरूरत पड़ती है. पर जून से सीसीएल मात्र दो से ढाई हजार टन कोयले की ही आपूर्ति कर रहा है. सीसीएल का कहना है कि केंद्र सरकार का आदेश है कि कोलियरी एरिया से 50 से 60 किमी की दूरी पर स्थित पावर प्लांट को कोयले की आपूर्ति सड़क मार्ग से की जाये.जबकि निगम को पूर्व से ही रेल मार्ग से कोयले की आपूर्ति की जाती रही है. निगम का तर्क है कि सड़क मार्ग से ढुलाई कराने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा. आपूर्ति की दर बढ़ जायेगी. इस कारण कोयले की सप्लाई कम हो गयी है.
रेलवे ट्रैक बनवा चुका है निगम
कोयले की आपूर्ति के लिए निगम 100 करोड़ की लागत से ललपनियां के लिए अलग से रेलवे ट्रैक का निर्माण अपने खर्च पर कर चुका है. रेलवे ट्रैक डुमरी बिहार स्टेशन से ललपनियां (14 किमी ) तक है. रेलवे का रेक डुमरी बिहार स्टेशन पर आकर टीवीएनएल के लिए ललपनियां ट्रैक पर चला जाता है. इससे निगम को करोड़ों रुपये भाड़े का बचता है. टीवीएनएल के सूत्रों ने बताया कि सीसीएल केवल 50-60 किमी दूरी से ही नहीं, बल्कि 100 किमी की अधिक दूरी वाले कोलियरी से भी कोयला देता है. इसके एवज में सीसीएल को भुगतान भी किया जा चुका है. 110 करोड़ रुपये का एडवांस दे दिया गया है. इसमें फ्रेट चार्ज भी शामिल है. तब सीसीएल द्वारा रेलवे से आपूर्ति न करने का कोई कारण नहीं बनता.
विधानसभा की कमेटी ने सीसीएल से किया था जवाब-तलब
11 अक्तूबर को विधानसभा की लोक उपक्रम समिति की बैठक विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी की अध्यक्षता में हुई थी. मामले को सुलझाने के लिए टीवीएनएल और सीसीएल के अधिकारियों को बुलाया गया था. समिति ने सीसीएल से जवाब-तलब किया. सीसीएल द्वारा कहा गया कि जल्द ही समाधान निकाला जायेगा.
रेल व सड़क मार्ग की ढुलाई में फंसा है मामला
आधा हो गया है बिजली उत्पादन
प्रतिदिन पांच हजार टन कोयले की जरूरत, मिल रहा ढाई टन
दोनों यूनिट के चालू होने पर 360 से 380 मेगावाट तक होता था उत्पादन
अभी हो रहा है 170 से 180 मेगावाट का उत्पादन
कोयला कम मिल रहा है. इस कारण एक ही यूनिट चल रही है. सीसीएल से बातचीत चल रही है. जल्द समाधान निकलेगा.
– राम अवतार साहू, एमडी,
भारत सरकार का अादेश है कि 50 से 60 किमी के रेडियस में पड़नेवाली कंपनियों को रोड से कोयला उपलब्ध करायें. इससे दूर वाली कंपनियों को ज्यादा रेल रैक की सुविधा मिल सके.
– आरएस महापात्रा,
निदेशक कार्मिक, सीसीएल
Prabhat Khabar Digital Desk
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