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झारखंड में महिलाओं ने खूब डाले वोट, लेकिन महिला प्रत्याशियों की हुई जमानत जब्त, बंगाल ने चुना सबसे ज्यादा महिला सांसद

रांची : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजनीति में महिलाओं के योगदान और उनकी भूमिका पर चर्चा खूब हो रही है. झारखंड बनने के बाद मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन महिला प्रत्याशियों के जीतने का सिलसिला पिछले दो चुनावों से थम गया है. वर्ष 2009 और 2014 में झारखंड […]

रांची : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राजनीति में महिलाओं के योगदान और उनकी भूमिका पर चर्चा खूब हो रही है. झारखंड बनने के बाद मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन महिला प्रत्याशियों के जीतने का सिलसिला पिछले दो चुनावों से थम गया है. वर्ष 2009 और 2014 में झारखंड ने एक भी महिला सांसद नहीं चुना. वर्ष 2014 में तो सभी महिला प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त हो गयी.

अविभाजित बिहार ने पहले चुनाव (1952) के बाद से 1999 तक एक या दो महिला को अपना सांसद चुनता रहा. वर्ष 1977 अपवाद रहा, जब कोई महिला सांसद बिहार से नहीं चुनी गयीं. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद वर्ष 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा और वर्ष 2007 में जमशेदपुर के सांसद सुनील कुमार महतो की हत्या के बाद उनकी पत्नी सुमन महतो संसद पहुंचीं.

चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014 के आम चुनावों में झरखंड की सभी महिला प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी. झारखंड की कुल 14 लोकसभा सीटों पर 18 महिला प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इनमें से एक का नामांकन खारिज हो गया और बाकी 17 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी.

झारखंड की 14 सीटों में एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, तो 5 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 8 सीटों पर सामान्य वर्ग के लोग चुनाव लड़ सकते हैं. सामान्य श्रेणी की 8 सीटों के लिए 10 महिलाओं ने नामांकन दाखिल किये. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित एक सीट पर एक महिला उम्मीदवार थी, जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 5 सीटों पर 8 महिलाओं ने दावा ठोंका. इन आठ महिलाओं में से एक का नामांकन रद्द हो गया और 17 महिला उम्मीदवार मैदान में रह गयीं. इन 17 महिला उम्मीदवारों में से किसी की जमानत नहीं बची.

बंगाल ने देश को दिया सबसे ज्यादा महिला सांसद

पश्चिम बंगाल में महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन किया. इस राज्य ने 16वीं लोकसभा को सबसे ज्यादा 14 सांसद दिये. यहां 51 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. इनमें से 30 की जमानत जब्त हो गयी. आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली 21 प्रत्याशी जमानत बचाने में कामयाब रहीं.

यहां की कुल 42 लोकसभा सीटों के लिए 52 महिलाओं ने नामांकन दाखिल किया था. इसमें सामान्य श्रेणी की 30 सीट पर 38, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीट पर 10 और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित दो सीट पर चार उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी. सामान्य श्रेणी की एक महिला उम्मीदवार का नामांकन तकनीकी कारणों से रद्द हो गया. चुनाव लड़ने वाली 51 प्रत्याशियों में से 30 की जमानत जब्त हो गयी.

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