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#CabinetReshuffle : उमा भारती के ट्वीट ने बचा ली उनकी कुर्सी…?

उमा भारती की कुर्सी बच गयी है. लगता है उनका ट्वीट काम कर गया. केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री के तौर पर उनकी कुर्सी बच गयी है. हालांकि उनके मंत्रालय में फेरबदल की गयी है. उन्हें पेयजलऔर सैनिटेशन का जिम्मा दिया गया है. पहले वह जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण का काम देखती थीं. उनका मंत्रालय […]

उमा भारती की कुर्सी बच गयी है. लगता है उनका ट्वीट काम कर गया. केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री के तौर पर उनकी कुर्सी बच गयी है. हालांकि उनके मंत्रालय में फेरबदल की गयी है.

उन्हें पेयजलऔर सैनिटेशन का जिम्मा दिया गया है. पहले वह जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण का काम देखती थीं. उनका मंत्रालय अब नितिन गडकरी संभालेंगे.

गौरतलब है कि कैबिनेट की फेरबदल को लेकर जब उनसे पूछा गया कि क्या आपसे भी इस्तीफा मांगा गया है, तो शुक्रवार को उन्होंने ट्वीट कर जवाब दिया था.

अपने ट्वीट में उमा ने कहा था कि मेरे इस्तीफे की खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी. इस पर मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूंगी, न जवाब दूंगी. इस बारे में या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह या अध्यक्ष जी जिसको नामित करें, वही बोल सकते हैं. मेरा इस पर बोलने का अधिकार नहीं है.

जिस अंदाज में उमा भारती ने यह ट्वीट किया था, वह काफी कुछ बोल रहा था़ गौरतलब है कि उमा भारती,नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लेकर शुरू से मुखर रही हैं. ऐसे में उनके ट्वीट को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं.

रविवार को मोदी कैबिनेट के लिए राष्ट्रपति भवन में चार कैबिनेट और 9 नये राज्य मंत्रियों ने शपथ ली. नये मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री उमा भारती शामिल नहीं हुईं.

ऐसी खबर है कि वह फिलवक्त अपने संसदीय क्षेत्र झांसी-ललितपुर में हैं. इस कार्यक्रम में उमा के शामिल न होने की वजह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से चल रही उनकी नाराजगी को बताया जा रहा है.

ऐसी चर्चा है कि गंगा सफाई को लेकर पीएम मोदी उमा भारती के काम से उतने खुश नहीं थे. 2014 में माेदीजब वाराणसी से चुनाव लड़ने पहुंचे थे, तो उन्होंने कहा था कि उन्हें मां गंगा ने बुलाया है.

सरकार बनने के बाद उन्होंने इसके लिए नया मंत्रालय भी बनाया, उमा भारती मंत्री बनीं तो उन्होंने कहा कि वह गंगा को साफ करके ही मानेंगी. लेकिन पिछले 3 साल में गंगा सफाई को लेकर कोई बड़ा असर नहीं दिखा है, कोर्ट औरएनजीटी भी सरकार को इस मामले में फटकार लगातीरही है.

उमा भारती कहतीरहीं कि 2018 तक गंगा सफाई के पहले चरण का काम पूरा हो जायेगा. 2018 से दूसरे चरण का काम शुरू होना है, जो 2020 तक पूरा होगा.

गंगा के पुनरुद्धार के लिए चलायी गयी नमामि गंगे परियोजना के बजट और खर्च की राशि में शुरू से ही बड़ा अंतर रहा है. 2014-15 में 2137 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया. राशि आवंटित की गयी 2053 करोड़ रुपये. लेकिन खर्च हुए सिर्फ 326 करोड़ रुपये.

वहीं, 2015-16 में 1650 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गयी और खर्च होने से 18 करोड़ रुपये बचे रह गये. बात करें इस साल की, तो इस बार 2500 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं और खर्च का ब्यौरा अब तक अप्राप्त है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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