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इमरान खान का नया पाकिस्तान का नारा क्या है, जिसने उन्हें जीत की दहलीज तक पहुंचाया?

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान नेशनल असेंबली चुनाव में लगातार बढ़त बनाये हुए हैं. उनकी बढ़त लगातार बढ़ भी रही है. उनकी इस शानदार बढ़त के पीछे उनके नया पाकिस्तान नारे को श्रेय दिया जा रहा है.इमरानखान के नया पाकिस्तान नारे का भी आज मीडिया प्रमुखता से जिक्र कर रहा […]

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान नेशनल असेंबली चुनाव में लगातार बढ़त बनाये हुए हैं. उनकी बढ़त लगातार बढ़ भी रही है. उनकी इस शानदार बढ़त के पीछे उनके नया पाकिस्तान नारे को श्रेय दिया जा रहा है.इमरानखान के नया पाकिस्तान नारे का भी आज मीडिया प्रमुखता से जिक्र कर रहा है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उनका नया पाकिस्तान का नारा क्या था या है, जिसकी बदौलत वे जीत के घोड़े पर सवार हुए हैं.

पाकिस्तान में नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुसलिम लीग जहां परंपरागत नारों के साथ चुनाव में उतरी थी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी रही, वहीं बदलाव की आकांक्ष लिये पाकिस्तानियों के बीच क्रिकेटर से राजनेता बने 65 वर्षीय इमरान खान नये नारे के साथ गये. उन्होंने 11 सूत्री नया पाकिस्तान का नारा दिया.

इमरान खान ने अपने नया पाकिस्तान नारे के तहत देशवासियों से वादा किया कि वे सरकार में चुन कर आने के बाद नया ज्यूडिशियल सिस्टम स्थापित करेंगे, गरीबी कम करने की योजनाओं पर काम करेंगे, ताकि बीपीएल आबादी देश में कम हो. इमरान खान ने चुनाव से पहले कहा था कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि गरीबों का बड़ा तबका तैयार हो रहा है और बहुत छोटा-सा वर्ग अमीरों का तैयार हो रहा है.इससेनिबटना है. यह बात उन्होंने अपना घोषणा पत्र नौ जुलाई, 2016 को जारी करते हुए कही थी.

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उन्होंने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने की बात कही थी और कहा था कि यह आसान काम नहीं है. उन्होंने कहा था कि इसके लिए बड़े बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि 1960 तक पाकिस्तान की सिविल सर्विस एशिया में सम्मानपूर्ण माना जाता था. उन्होंने बड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को अंजाम दिया था. इमरानखान ने चुनाव अभियान में 70 के दशक से देश की नौकरशाही के राजनीतिकरण को चिह्नित किया था और कहा था कि इसकी वजह से और यहीं से समस्या आयी. उन्होंने कहा था कि इससे ब्यूरोक्रेसी की डिलेवरी क्षमता कम हो गयी. उन्होंने चुनाव में ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की बात कही थी.

इमरान खान ने देश के अंदर कायम भ्रष्टाचार की बात को मजबूत ढंग से उठाया था और इसके लिए पीछे भी ब्यूरोक्रेसी के राजनीतिकरण को कारण बताया था. उन्होंने पाकिस्तान की पुलिस व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात कही थी. उन्होंने यह भी कहा था कि यह भी देश में राजनीतिक टूल बन गया है और यह लोगों को प्रोटेक्ट करने की जगह प्रतिद्वंद्वियों को शिकार बनाने का माध्यम बन गया है.

उन्होंने आतंकवाद पर भी बात की थी और यह बताया था कि कैसे आतंकवाद से लड़ने में राज्यों में उनके नेता मारे गये. उन्होंने राज्यों में अपनी सरकार द्वारा पुलिस के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का प्रमुखता का जिक्र किया था और उसकी उपलब्धियों को फिर से राष्ट्रीय स्तर पर दोहराने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि हमारी राज्य सरकार ने पख्तूनवा में पांच हजार भ्रष्ट पुलिस अफसरों को नौकरी से बाहर किया था.

इमरान खान ने शिक्षा व्यवस्था सुधारने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि स्टेट के पैसे मानव संसाधन के विकास में खर्च हो. उन्होंने युवाओं को नौकरियां देने, मजदूरों को पैसा बचाने के उपाय पर बात की थी. किसानों की मदद पर उन्होंने प्रमुखता से चुनाव के दौरान बात की और कहा था कि यह सबसे अधिक रोजगार देने वाला माध्यम है. उन्होंने गिरते एक्सपोर्ट को बढ़ाने, रुपये की गिरावट को रोकने, नेशनल टैक्स में सुधार व राहत की बात की थी. इमरान खान ने अपने मेनिफेस्टो में भारत व बांग्लादेश से कई इंडेक्स पर तुलना करते हुए सुधार की बात कही थी.

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