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असम में बोले पीएम मोदी- चौकीदार की चौकसी से भ्रष्टाचारी बौखलाये

गुवाहाटी : असम में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पिछले काफी समय से देख रहा हूं कि हर रैली पिछली रैली का रेकॉर्ड तोड़ देती है. अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने असम में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां के लोगों […]

गुवाहाटी : असम में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पिछले काफी समय से देख रहा हूं कि हर रैली पिछली रैली का रेकॉर्ड तोड़ देती है. अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने असम में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां के लोगों से मिल रहा यह अपार प्यार मां कामाख्या का आशीर्वाद है.

उन्होंने कहा कि आज नॉर्थ ईस्ट के विकास में नया इतिहास जुड़ रहा है. थोड़ी देर पहले ही असम और नॉर्थ ईस्ट के विकास से जुड़े हजारों करोड़ के प्रॉजेक्ट्स का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है.कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि BC और AD यानि बिफोर कांग्रेस और आफ्टर डायनेस्टी का ही गौरवगान करने वालों से मैं आज यहां से पूछना चाहता हूं कि आखिर आपने भारत के सच्चे रत्नों को न पहचानने का कुटिल खेल दशकों तक क्यों खेला ? आखिर ऐसा क्यों रहा कि कुछ लोगों के लिए जन्म लेते ही उनके लिए भारत रत्न तय हो जाता था और देश के मान-सम्मान के लिए जिन्होंने जीवन लगा दिया उनको सम्मानित करने के लिए दशक लग जाते थे?

उन्होंने कहा कि आज मुझे गर्व है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय ही असम के दो सपूतों, गोपीनाथ बोरदोलोई और भुपेन हजारिका को भारत रत्न देने का काम किया गया है. यहां चर्चा कर दें किपीएम मोदी ने रैली में मौजूद लोगों को असम की क्षेत्रीय भाषा में संबोधित किया है. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने भारत रत्न भूपेन हजारिका को भी याद किया.

पीएम मोदी ने कहा कि ये पूरा देश देख रहा है कि चौकीदार की चौकसी से कैसे भ्रष्टाचारी बौखलाए हुए हैं और सुबह-शाम मोदी-मोदी के नाम की रट लगाए हुए हैं. उन्होंने रैली में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि असम और उत्तर पूर्व के लोगों के साथ मेरा विशेष लगाव है. आपका स्नेह और आशीर्वाद मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. जितना अधिकार आपका मुझ पर है, उतना ही दायित्व मेरा भी आपके प्रति है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन का विषय सिर्फ असम या नॉर्थ ईस्ट से जुड़ा नहीं है, बल्कि देश के अनेक हिस्सों में मां भारती पर आस्था रखने वाली ऐसी संताने हैं, ऐसे लोग हैं जिनको अपनी जान बचाकर भारत आना पड़ा है. चाहे वो पाकिस्तान से आए हों, अफगानिस्तान से आए हों या फिर बांग्लादेश से, ये 1947 से पहले भारत का ही हिस्सा थे, जब आस्था के आधार पर देश का विभाजन हुआ. हमसे अलग हुए देशों में जो अल्पसंख्यक यानि हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई, वहां रह गये थे उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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