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जेल में स्वर्ग का सुख भोग रहीं एआर्इएडीएमके सुप्रीमो शशिकला, विशेष रसोर्इ पर दो करोड़ खर्च

बेंगलुरू: बेंगलुरु की केंद्रीय कारा में बंद एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला को वीवीआईपी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. हालांकि, देश से विशिष्ट संसकृति को समाप्त करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने नेताआें की गाड़ियों से लालबत्ती उतरवाने का काम कर दिया है. बावजूद इसके शशिकला को विशिष्ट संस्कृति का भरपूर लाभ दिया जा […]

बेंगलुरू: बेंगलुरु की केंद्रीय कारा में बंद एआईएडीएमके प्रमुख शशिकला को वीवीआईपी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. हालांकि, देश से विशिष्ट संसकृति को समाप्त करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने नेताआें की गाड़ियों से लालबत्ती उतरवाने का काम कर दिया है. बावजूद इसके शशिकला को विशिष्ट संस्कृति का भरपूर लाभ दिया जा रहा है. एक रिपोर्ट की मानें, तो शशिकला के लिए जेल में एक अलग तरह की विशेष रसोर्इ की व्यवस्था की गयी है. डीआईजी जेल ने अपने सीनियर डीजीपी जेल को चिट्ठी लिखकर इस विशेष रसोर्इ की जानकारी दी है.

इस खबर को भी पढ़ेंः शशिकला का राजनैतिक भविष्य शुरू होने से पहले ही खत्म, पढ़ें कब क्या हुआ

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, इस चिठ्ठी में लिखा गया है कि अधिकारियों का कहना है कि डीजीपी की जानकारी के बावजूद ऐसा हो रहा है और विशेष रसोर्इ के लिए दो करोड़ रुपये का सौदा किया गया है और ख़ुद डीजीपी भी इसमें शामिल हैं. 10 जुलाई को केंद्रीय कारागार का निरीक्षण करने के बाद डीआईजी रूपा ने डीजीपी को ये चिट्ठी लिखी है. शशिकला को आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की सजा मिली है.

अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि डीआईजी रूपा ने क्‍या अपने वरिष्ठ अधिकारी के अलावा अन्‍य अधिकारियों को भी यह चिट्ठी भेजी है. डीआईजी रूपा ने कुछ सप्‍ताह पहले ही जेल विभाग में डीआईजी के रूप में ज्‍वाइन किया था और उन्‍होंने 10 जुलाई को केंद्रीय कारा का गहन निरीक्षण किया था.

इससे पहले 10 अप्रैल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु जेल में आय से अधिक संपत्ति मामले में सज़ा काट रही एआर्इएडीएमके सुप्रीमो शशिकला अब 15 दिनों में सिर्फ 4 से 6 मुलाकातियों से ही मिल पायेंगी. कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (कारागार) सत्यनारायण राव ने बताया था कि कर्नाटक प्रिसिजन मैनुएल के रूल 584 के तहत ही शशिकला को छूट दी गयी थी. इस रूल के मुताबिक, शशिकला अब 15 दिनों में 4 से 6 मुलाकातियों से ही मिल सकेंगी.

विवाद तब उठ खड़ा हुआ था जब एक आरटीआई कार्यकर्ता को आरटीआई से जानकारी मिली कि एक महीने में शशिकला से 14 मौक़ों पर 28 लोगों ने बेंगलुरु सेंट्रल जेल में मुलाक़ात की. आरटीआई कार्यकर्ता नरसिम्हा मूर्ति ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे जेल मैनुएल का उल्‍लंघन बताया था. इस आरटीआई कर्यकर्ता के विरोध के बाद परपनाग्रहारा यानी बेंगलुरु सेंट्रल जेल प्रशासन ने सफाई दी.

दरअसल कर्नाटक जेल मैनुएल के मुताबिक विचाराधीन कैदी सप्‍ताह में दो बार अपने वकीलों या जान पहचान और रिश्तेदारों से मिल सकता है जबकि सज़ायाफ्ता 15 दिनों में 2 बार. शशिकला को मार्च में चुनाव आयोग के साथ-साथ कोर्ट ऑर्डर्स की फॉर्मेलिटीज पूरी करने के लिए पार्टी और वकीलों से लगातार मिलना पड़ रहा था. इन्हीं हालातों को ध्यान में राखते हुए शायद जेल प्रशासन ने शशिकला को थोड़ी छूट दी थी.

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