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जेपी इंफ्रा दिवाला मामला : NBCC की बोली पर वोटिंग शुरू, 13 बैंक और 23,000 खरीदार कर सकेंगे वोट

नयी दिल्ली : कर्ज तले दबी जेपी इंफ्राटेक को कर्ज देने वाले बैंकों और घर खरीदारों ने कंपनी के अधिग्रहण और 20 हजार से अधिक फ्लैट का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए सरकारी कंपनी एनबीसीसी की ओर से प्रस्तुत बोली पर गुरुवार को मतदान शुरू किया. मतदान रविवार को पूरा होगा और नतीजे 20 […]

नयी दिल्ली : कर्ज तले दबी जेपी इंफ्राटेक को कर्ज देने वाले बैंकों और घर खरीदारों ने कंपनी के अधिग्रहण और 20 हजार से अधिक फ्लैट का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए सरकारी कंपनी एनबीसीसी की ओर से प्रस्तुत बोली पर गुरुवार को मतदान शुरू किया. मतदान रविवार को पूरा होगा और नतीजे 20 मई को आयेंगे. घर के लिए पैसा लगाने वाले सहित वित्तीय ऋणदाता जयप्रकाश उद्योग समूह की इस भू/भवन सम्पत्ति विकास कंपनी के कर्ज के समाधान की नये निवेशकों की योजना पर दूसरी बार मतदान कर रहे हैं.

इसे भी देखें : दिवालिया होने के कगार पर जेपी इंफ्रा, एनसीएलटी ने आर्इडीबीआर्इ की याचिका को दी मंजूरी

तीन मई को हुए पहले मतदान में मुंबई की कंपनी सुरक्षा रीयल्टी की बोली खारिज कर दी गयी थी. जेपी इंफ्राटेक, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) की अनुषंगी कंपनी है. कंपनी को कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों और बैंकों की समिति (सीओसी) के पास कुल 40.71 फीसदी मताधिकार हैं. इसमें 13 बैंक शामिल हैं, जबकि 23,000 से अधिक घर खरीदारों के पास करीब 59 फीसदी मत हैं.

सूत्रों ने कहा कि ज्यादातर घर खरीदार एनबीसीसी की बोली की पक्ष में मतदान कर सकते हैं, लेकिन कई लोगों को डर है कि कर्जदाता एनबीसीसी की बोली को खारिज कर सकते हैं. इसका कारण यह है कि वह नहीं चाहते हैं कि उनके 9,782 करोड़ रुपये के दावों में 60 फीसदी तक की कटौती की जाये.

इस हफ्ते की शुरुआत में सीओसी ने एनबीसीसी की संशोधित बोली को मतदान के लिए रखने का फैसला किया था. घर खरीदार मतदान के पक्ष में थे, जबकि बैंक इससे सहमत नहीं थे. बैंकरों ने एनबीसीसी की बोली पर मतदान का विरोध किया था तथा अभी और बातचीत की वकालत की थी.

बैंकों ने मतदान प्रक्रिया पर रोक के लिए नेशनल कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में भी गुहार लगायी थी, लेकिन उन्हें वहां से राहत नहीं मिली थी. एनबीसीसी ने अपनी संशोधित बोली में 200 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने, बैंकों को 5,000 करोड़ रुपये मूल्य की 950 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने और 2023 तक फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा करने का वादा किया है, ताकि वित्तीय ऋणदाताओं के 23,723 करोड़ रुपये के लंबित दावों का निपटान किया जा सके.

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