36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

रघुराम राजन ने BAD LOAN के लिए मोदी-मनमोहन सरकार को जिम्मेदार बताया

नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के अधिक एनपीए के लिए अति महत्वाकांक्षी बैंकर्स, निर्णय लेने में सरकारी प्रक्रिया की खामियों और और आर्थिक विकास में कमी को बैड लोन के लिए जिम्मेदार ठहराया है. रघुराम राजन ने उक्त बातें संसदीय समिति को दिये गये लिखित जवाब कही है. […]


नयी दिल्ली :
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के अधिक एनपीए के लिए अति महत्वाकांक्षी बैंकर्स, निर्णय लेने में सरकारी प्रक्रिया की खामियों और और आर्थिक विकास में कमी को बैड लोन के लिए जिम्मेदार ठहराया है. रघुराम राजन ने उक्त बातें संसदीय समिति को दिये गये लिखित जवाब कही है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक बैड लोन 2006-2008 के बीच दिया गया.

रघुराम राजन ने एस्टिमेट कमेटी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को भेजे नोट में कहा कि कोयला खदानों के संदिग्ध आवंटन और जांच के डर जैसी समस्याओं की वजह से मोदी और मनमोहन सरकार ने निर्णय लेने में देरी की जिसकी वजह से रुके हुए प्रॉजेक्ट्स की कीमत बहुत अधिक बढ़ गई और कर्ज चुकाना मुश्किल हो गया.

गौरतलब है कि हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने एनपीए बढ़ा, चूंकि उस वक्त रघुराम राजन आरबीआई के गवर्नर थे इसलिए उनके नाम की चर्चा स्वाभाविक है. वहीं रघुराम राजन ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि रुपये में निर्बाध गिरावट जारी नहीं रहेगी क्योंकि केंद्रीय बैंक महंगाई दर को काबू में रखने के लिए उपयुक्त रूप से ब्याज दर बढ़ा रहा है. वैश्विक व्यापार युद्ध बढ़ने की आशंका के चलते अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया 72 से ऊपर निकलते हुए 72.45 के स्तर पर पहुंच गया है.

टेलीविजन चैनल सीएनबीसी टीवी 18 से बातचीत में कहा कि आरबीआई के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह लगातार यह संकेत दे रहा कि वह मुद्रास्फीति को काबू में रखेगा. इससे निवेशकों को एक भरोसा मिलता है कि रुपये में निर्बाध गिरावट नहीं होगी क्योंकि अंतत: महंगाई दर काबू में होगी. रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिए एनआरआई बांड के सुझाव के बारे में राजन ने कहा कि यह एक हथियार है जो आपके शस्त्रागार में है. आरबीआई ने हाल में मुद्रास्फीति संबंधी चिंता को लेकर नीतिगत दर में दो बार वृद्धि की है.

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स चढ़ा, रुपया में 15 पैसे का सुधार

इस बीच, राजन ने फंसे कर्ज के बारे में कहा है कि मुख्य रूप से बैंक अधिकारियों के अधिक आशावान होना और वृद्धि में नरमी इसका कारण है. आकलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को दिये नोट में उन्होंने कहा, ‘कोयला खदानों का संदिग्ध आवंटन के साथ जांच की आशंका जैसे राजकाज से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के कारण संप्रग सरकार तथा उसके बाद राजग सरकारों दोनों में सरकारी निर्णय में देरी हुई.’ राजन ने कहा कि इससे परियोजना की लागत बढ़ी और वे अटकने लगी. इससे कर्ज की अदायगी में समस्या हुई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें