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भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल लोकसभा में दोबारा पेश, एजेंसियों को मिलेगा संपत्ति जब्त करने का अधिकार

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक लोकसभा में पेश किया. विधेयक में धोखाधड़ी और कर्ज लेकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार संबंधित एजेंसियों को देने का प्रावधान किया गया है. विधेयक इस संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा. अध्यादेश […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक लोकसभा में पेश किया. विधेयक में धोखाधड़ी और कर्ज लेकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने का अधिकार संबंधित एजेंसियों को देने का प्रावधान किया गया है. विधेयक इस संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा. अध्यादेश अप्रैल में जारी किया गया था.

इसे भी पढ़ें : लोस में भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक पेश, विजय माल्या-नीरव मोदी जैसे भगोड़ों की संपत्ति हो सकेगी कुर्क

गोयल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि आजादी के बाद पिछले 70 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ इस तरह का सख्त उपाय किया गया है. विधेयक के जरिये उन भगोड़े अपराधियों को कड़ा संदेश देने के उपाय किये गये हैं, जो विदेश भागकर भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र से बाहर चले जाते हैं. विधेयक को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और आरएसपी सदस्य एनके प्रेमचंद्रन की आपत्तियों के बीच पेश किया गया.

गोयल ने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि भाग कर विदेश में रह रहे आर्थिक अपराधियों को वापस लाया जायेगा, उन्हें किये गये अपराध के लिए दंडित किया जायेगा और उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जायेगा. विधेयक में ऐसे भगौड़े अपराधियों के कारण सरकारी खजाने अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को होने वाले नुकसान की तुरंत भरपाई का उपाय किया गया है.

इस विधेयक से पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने वाले नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने में मदद मिलेगी. सरकार ने इससे पहले कहा था कि इस तरह के अपराधियों के भारतीय कानून के दायरे से बाहर निकल जाने से जांच प्रभावित होती है और कानून कमजोर पड़ता है.

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने 2018- 19 का बजट पेश करते हुए कहा था कि सरकार भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए एक नया कानून लाने पर विचार कर रही है. विधेयक को 12 मार्च को ही लोकसभा में पेश कर दिया गया था, लेकिन संसद में गतिरोध के चलते इसे पारित नहीं कराया जा सका था.

Prabhat Khabar Digital Desk
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