नयी दिल्ली : भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में बड़ी सफलता हासिल कर ली है. वो दूसरी बार अतंराष्ट्रीय अदालत के जज बन गये हैं. भंडारी का सामना ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था. जानकारी के अनुसार दलवीर भंडारी को जनरल एसेंबली में 183 मत मिले, जबकि सिक्योरिटी काउंसिल में जस्टिस भंडारी को 15 मत मिले हैं. आईसीजे की आखिरी सीट के लिए मतदान बीती रात अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में आयोजित किया गया. यहां चर्चा कर दें कि आईसीजे की स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी और ऐसा पहली बार हुआ जब इसमें कोई ब्रिटिश न्यायाधीश नहीं होगा.
जानें दलवीर भंडारी के बारे में कुछ खास बातें
1. दलवीर भंडारी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधिश के पद पर रह चुके हैं. उनका जन्म वर्ष 1 अक्टूबर 1947 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ.
2. दलवीर भंडारी के पिता और दादा राजस्थान बार एसोसिएशन के सदस्य रह चुके थे. भंडारी ने जोधपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की इसके बाद उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत की.
3. वर्ष 1991 में भंडारी दिल्ली आ गये और यहां वकालत करने लगे. अक्टूबर 2005 में उन्होंने मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर भी अपनी सेवा दी.
4. दलवीर भंडारी ने 19 जून 2012 को पहली बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य की शपथ ली थी. वो सुप्रीम कोर्ट में भी वरिष्ठ न्यायमूर्ति रह चुके हैं.
5. दलवीर भंडारी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में जाने से पहले भारत में विभिन्न अदालतों में 20 वर्ष से अधिक समय तक उच्च पदों पर सेवा दे चुके हैं.
6. कुछ दिन पहले आईसीजे ने पाकिस्तानी जेल में क़ैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगायी थी. इस कोर्ट के 15 जजों में भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी भी शामिल थे.
7. पद्मभूषण से सम्मानित भंडारी 40 साल से भी ज़्यादा समय तक भारतीय न्याय प्रणाली का हिस्सा रहे हैं.
जानिए क्या है इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस
1. आईसीजे यूएन का महत्वपूर्ण न्यायिक अंग है जिसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा जून 1945 में की गयी. अप्रैल 1946 में आईसीजे ने काम करना शुरू किया था.
2. आईसीजे का मुख्यालय हेग शहर में है.
3. आईसीजे संयुक्त छह प्रमुख अंगों में से एक मात्र ऐसा अंग है जो कि न्यूयॉर्क (अमेरिका) में स्थित नहीं है.
4. न्यायालय के प्रशासनिक व्यय का भार संयुक्त राष्ट्र संघ के कंधे पर है.
5. आईसीजे में कुल 15 जज होते हैं, जिनका कार्यकाल 9 साल के लिए होता है जिसे चुने जाने की प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा की जाती है.
क्या है महत्वपूर्ण कार्य
इसके दो महत्वपूर्ण काम है. पहला की बात करें तो यह अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार यह कानूनी विवादों पर फैसला सुनाता है. यानी आमतौर पर दो देशों के बीच विवाद पर फैसले सुनाने का काम इस कोर्ट का है. यदि दूरे कार्य पर गौर करें तो यह यूएन की इकाइयों के अनुरोध पर यह उन्हें राय देता है.