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बजट से ठगा महसूस कर रहा है मिडिल क्लास

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सालाना बजट गुरुवार को संसद में पेश कर दिया है, लेकिन नौकरी-पेशा और मिडिल क्लास के लोगों को सरकार से जो उम्मीद थी, उस पर पूरी तरह से पानी फिर गया है़. वित्त मंत्री द्वारा पेश किये […]

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सालाना बजट गुरुवार को संसद में पेश कर दिया है, लेकिन नौकरी-पेशा और मिडिल क्लास के लोगों को सरकार से जो उम्मीद थी, उस पर पूरी तरह से पानी फिर गया है़. वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गये बजट के बाद नौकरी-पेशा और मिडिल क्लास के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. मिडिल क्लास के लोगों को उम्मीद थी सरकार की आेर से टैक्स स्लैब में छूट की दर 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया जायेगा, मगर सरकार ने तथाकथित तौर पर 40 हजार रुपये की छूट देकर लोगों को लॉलीपॉप थमाने का रस्मअदाकर दिया.

वित्त मंत्री ने वेतनभोगियों के मौजूदा टैक्सेबल इनकम में से 40 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन करनेकी घोषणाकी, लेकिन इसका फायदा कम सैलरीवालों को ही मिलने की उम्मीद है. इसकामतलब हुआ जितनी सैलरी पर टैक्स बनेगा, उसमें से 40 हजार घटाकर टैक्स देना होगा. इसका लाभ 2.5 करोड़ वेतनभाेगी और पेंशनर्स को ही मिलेगा. हालांकि, वित्त मंत्री ने बजट में गरीबों, किसानों और बुजुर्गों का ख्याल रखा है. इसका मतलब हुआ कि 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए खर्च या निवेश का कोई हिसाब-किताब नहीं मांगा जायेगा. पहले भत्ता के रूप में सालाना 19,200 रुपये और चिकित्सा व्यय के रूप में 15 हजार रुपये के खर्च पर कर छूट मिलती थी, जिसे इस बजट में मिलाकर 40 हजार रुपये कर दिया गया है. इस तरह पहले 34,200 रुपये के खर्च पर कर छूट मिलती थी. अब 40 हजार रुपये की छूट मिलेगी. यानी केवल 5800 रुपये पर अतिरिक्त छूट मिलेगी.

महत्वपूर्ण बात यह है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014 में खुद आयकर छूट 5 लाख करने की मांग की थी. लेकिन, सत्ता में आने के बाद वह खुद भी अभी तक इस मांग को पूरा नहीं कर पाये हैं. उनके पिछले पांच बजटों पर नजर डालें तो पाएंगे कि आयकर छूट सीमा को वह 2.5 लाख रुपये तक ले जा सके हैं. जेटली ने 2017-18 के बजट में 2.5 लाख प्रतिवर्ष से पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष की आयकर स्तर में आयकर 10 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किया था.

वरिष्ठ नागरिकों को राहत

सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को कई राहत देने की घोषणा करते हुए जमा योजनाओं से प्राप्त आय पर कर छूट की सीमा पांच गुना बढ़ा कर 50 हजार रुपये कर दी. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदन योजना मार्च 2020 तक जारी रहेगी. इस योजना के अंतर्गत निवेश की वर्तमान सीमा को 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बैंकों तथा डाकघरों में जमा राशि पर ब्याज आय में छूट की सीमा 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गयी है. यह लाभ सावधि जमा योजनाओं तथा आवर्ती जमा योजनाओं से मिलनेवाले ब्याज पर भी उपलब्ध होगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय हेतु कटौती सीमा को 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. उन्होंने धारा 80डीडीबी के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों को गंभीर बीमारी के मामले में चिकित्सा खर्च के लिए कटौती सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, इन रियायतों से वरिष्ठ नागरिकों को 4 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर लाभ प्राप्त होगा.

दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना

इसके अलावा जेटली ने बजट में दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना का भी ऐलान किया. नेशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन स्कीम के तहत अब 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए सालाना 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की गयी है. वित्त मंत्री जेटली ने इसयोजना को दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ केयर प्रोग्राम करार देते हुए कहा कि इससे कम-से-कम 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा. इसकेतहत देश की करीब 1.30 अरब आबादी में करीब-करीब 40 प्रतिशत के लिए बड़े स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का ऐलान इस बजट में किया गया है. यानी, योजना के तहत अब गरीब परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक के इलाज पर अपने पैसे खर्च नहीं करने होंगे.

किसानों पर मेहरबान

वित्त मंत्री ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आगामी खरीद की फसलों को उत्पादन लागत से कम-से-कम डेढ़ गुना कीमत पर लेने का फैसला लिया है. टमाटर, आलू और प्याज जैसे सालोंभर प्रयोग में आनेवाले खाद्य वस्तुओं के लिए ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन लॉन्च करने की घोषणा की गयी है. इसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. ऐसे पौधे जिनका दवाइयों में इस्तेमाल होता हो, उनका भी सरकार उत्पादन बढ़ाने के लिए बढ़ावा देगी. जैविक खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. क्रेडिड कार्ड मछुआरों और पशुपालकों को भी मिलेगा. 42 मेगा फूड पार्क बनेगा. मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए भी सरकार ने फंड मुहैया कराने की घोषणा की है.

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