Yogi Adityanath On GST: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए ‘नमो मैराथन’ की शुरुआत की और संदेश दिया कि नया भारत तभी सशक्त होगा जब युवा वर्ग नशामुक्त और सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगा.
गरीब और उपभोक्ताओं को राहत
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीएसटी सुधार गरीबों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. दूध, दही, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएं अब सस्ती होंगी. घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली कई सामग्रियों पर भी कर का बोझ घटाया गया है. बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी सामग्री पर टैक्स में कटौती से शिक्षा को भी सुलभ बनाने का प्रयास किया गया है. योगी ने इसे “गरीब और मध्यम वर्ग के जीवन में त्योहारी उपहार” बताया. उनका मानना है कि कर प्रणाली में यह बदलाव उपभोक्ता-हितैषी है और इससे देश की सबसे बड़ी आबादी को सीधा लाभ मिलेगा.
नशे और फिजूलखर्ची पर चोट
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि शराब, तंबाकू और विलासिता की वस्तुओं पर कर बढ़ाया गया है. उनका तर्क है कि ऐसी वस्तुएं समाज और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हैं, इसलिए इन पर कर बढ़ाना न केवल राजस्व बढ़ाएगा बल्कि उपभोग को भी हतोत्साहित करेगा. उन्होंने कहा कि “जो वस्तुएं जीवन को नष्ट करती हैं, उन पर टैक्स बोझ बढ़ाना और जो वस्तुएं जीवन को सरल बनाती हैं, उन पर बोझ घटाना, यही इस सुधार का मूल सिद्धांत है.”
‘नमो मैराथन’ और नशामुक्त भारत का संकल्प
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास से ‘नमो युवा रन’ की शुरुआत की. इसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया. इस दौड़ का उद्देश्य युवाओं को सकारात्मक जीवन की ओर प्रेरित करना और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रखना है. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि विजयादशमी पर जैसे रावण का दहन होता है, वैसे ही वे भ्रष्टाचार और नशे जैसे दुर्गुणों का भी प्रतीकात्मक दहन करें. उनका कहना था कि “युवाओं का पतन तभी होता है जब वे नशे की गिरफ्त में आते हैं. यदि युवा सही राह पर चलें तो देश की ताकत कई गुना बढ़ सकती है.”
सेवा पखवाड़ा: समाज के प्रति जिम्मेदारी
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत पूरे प्रदेश में रक्तदान शिविर, स्वच्छता अभियान और जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. उनका मानना है कि जब युवा समाजसेवा से जुड़ते हैं तो उनका जीवन अनुशासित होता है और वे गलत आदतों से बचते हैं.
अर्थव्यवस्था और समाज पर असर
- आर्थिक मोर्चे पर: टैक्स कटौती से ग्रामीण और शहरी गरीब परिवारों की बचत बढ़ेगी. छोटे व्यापारियों को भी ग्राहकों की बढ़ती मांग का लाभ मिलेगा.
- सामाजिक मोर्चे पर: नशे के खिलाफ जनजागरण की यह पहल अगर निरंतर रहे, तो आने वाले वर्षों में अपराध, स्वास्थ्य समस्याओं और सामाजिक विघटन में कमी आ सकती है.
- राजनीतिक संकेत: इस सुधार और अभियान को सरकार जनता को यह संदेश देने के तौर पर भी देख रही है कि उसकी प्राथमिकता गरीब, किसान और युवा हैं.

