Watch Video: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के मन्नाली क्षेत्र में गणेश चतुर्थी पर एक अद्भुत गणेश मूर्ति स्थापित की गई है. यह मूर्ति खास इसलिए है क्योंकि इसे पारंपरिक मिट्टी और कपड़ों से नहीं बनाया गया है. इस मूर्ति को किताबों की मदद से बनाया गया है, जिसमें कुल 7500 धार्मिक और आध्यात्मिक किताबें शामिल हैं.
धार्मिक किताबों से बनी गणेश जी की अद्भुत मूर्ति
गणेश जी की इस भव्य मूर्ति के निर्माण में 5000 श्रीमद्भगवद्गीता के तमिल रूपांतरण, 1500 वेल विरुथम और 1008 मुरुगन कवासम किताबों का उपयोग किया गया है. पुस्तकों को बेहद सटीक ढंग से सजाकर गणेशजी की आकृति दी गई है, जिससे देखने वालों को वास्तविक मूर्ति का अनुभव होता है.
अनूठा और अविस्मरणीय अनुभव
मूर्ति के आकार और उसकी सुंदरता को देखकर श्रद्धालु अचंभित हैं. दूर से देखने पर यह एक विशाल गणेश प्रतिमा जैसी प्रतीत होती है, लेकिन पास जाकर जब लोग देखते हैं कि यह पूरी तरह पुस्तकों से बनी है, तो उनके लिए यह एक अनूठा और अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है.
ज्ञान और परंपरा का संगम
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि किताबों से बनी गणेश मूर्ति न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि ज्ञान और परंपरा का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करती है. गणेशोत्सव के दौरान इस अनोखी प्रतिमा को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और यह आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.

