Teenage Girls Club: किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण विकासात्मक चरण है, जिसमें विभिन्न चुनौतियां और अवसर होते हैं. यह एक ऐसा समय होता है, जब व्यक्ति बचपन की सुरक्षित पकड़ को छोड़ देता है और वयस्कता पर दृढ़ पकड़ बनाने की कोशिश करता है. यह तीव्र शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन का चरण होता है, जहां किशोर सबसे कमजोर और अतिसंवेदनशील परिस्थितियों के संपर्क में आते हैं, जो उन्हें अस्वस्थ और जोखिम भरे व्यवहार की ओर ले जा सकते हैं. हालांकि उचित मार्गदर्शन के साथ, यह उन्हें अपनी ताकत और प्रतिभा का पता लगाने और अपने सपनों को जीतने में मदद करता है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक अच्छी पहल करते हुए उत्तर पूर्व के राज्य नागालैंड के स्कूलों में लड़कियों के लिए बालिका क्लब बनाया है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक एवं जीवन कौशल निर्माण के माध्यम से किशोरियों को सशक्त बनाने का काम किया जा रहा है.
मिशन शक्ति के तहत खुला पहला किशोर क्लब
मिशन शक्ति के तहत पहला किशोर लड़कियों का क्लब 5 अक्टूबर 2024 को डॉन बॉस्को हायर सेकेंडरी स्कूल, वोखा, नागालैंड में 50 किशोर लड़कियों के साथ शुरू किया गया. 10-19 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के लिए सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में ऐसे किशोर लड़कियों के क्लब बनाए जाते हैं. “किशोर लड़कियों के क्लब” वोखा का मिशन ‘लाइव द प्रोमाइज’ के आदर्श वाक्य के साथ किशोर लड़कियों को शिक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता और सामाजिक और जीवन कौशल निर्माण के माध्यम से सशक्त बनाना है ताकि वे कल की आत्मविश्वासी, सूचित और दयालु नेता बन सकें और अपने जीवन में सपनों और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित हो सकें. लाइव द प्रोमाइज अपने वादों और प्रतिबद्धताओं को पूरा करने को प्रेरित करता है.
सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक नागालैंड में क्लबों का गठन का उद्देश्य किशोर लड़कियों को सही निर्णय लेने के लिए कौशल, ज्ञान और आत्मविश्वास से लैस करना. शैक्षणिक प्रदर्शन और जीवन कौशल को बढ़ाने वाले संसाधनों तक पहुंच प्रदान करना. प्रजनन, स्वास्थ्य, जोखिम भरे यौन व्यवहार, मादक द्रव्यों के सेवन के प्रभाव, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना. कार्यशालाओं और मेंटरशिप कार्यक्रमों के माध्यम से नेतृत्व कौशल विकसित करना. सामुदायिक सेवा परियोजनाओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करना ताकि उनमें अपनेपन और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके.
प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत जागरूकता लाना
क्लब में विभिन्न तरह के कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. जिसमें मेंटरशिप कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर, सामुदायिक परियोजनाएं और रचनात्मक अभिव्यक्ति जैसी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, ताकि किशोरियों को अपनी ताकत और प्रतिभा को बढ़ावा देने में मदद मिल सके. किशोरियों और उनके माता-पिता के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करने के लिए एक विशेष किशोर टूल किट का प्रकाशन किया जा रहा है. शिक्षक और परामर्शदाता किशोरियों से संबंधित विभिन्न सामग्रियों का प्रकाशन भी करते हैं, साथ ही किशोरियों से संबंधित उनकी दिक्कतों या समस्याओं जैसे मानसिक स्वास्थ्य, किशोर गर्भावस्था और इसके प्रभाव, बाल शोषण और इसकी रोकथाम, हेल्पलाइन नंबर आदि के विषय में जागरूक भी करते हैं.