Science: भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2025 की तैयारी को लेकर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लॉजिस्टिक, प्रदर्शनी लेआउट और अन्य विषयों पर चर्चा की गयी. केंद्रीय मंत्री ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के दौरान अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों और अभिभावकों के लिए सतत जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया. साथ ही संबंधित मंत्रालयों को उत्सव से पहले स्कूलों में विज्ञान मेले, मोबाइल प्रदर्शनियां, क्षेत्रीय रोड शो और स्थानीय मीडिया प्रचार जैसे आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने के लिए हरियाणा और चंडीगढ़ की राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने को कहा.
नोडल विभाग को सभी जिले में युवाओं के सहयोग से ‘विज्ञान संचार केंद्र’ बनाने और शहर के सार्वजनिक स्थलों पर महोत्सव से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने, स्टार्टअप बूथ और नागरिक-विज्ञान प्रदर्शनियों का आयोजन स्थल के डिजाइन के साथ एकीकृत करने का निर्देश दिया. ताकि छात्र इनोवेशन, इंटरैक्टिव प्रदर्शनियों और जन-सहभागिता के लिए जगह सुनिश्चित हो सके. बैठक के दौरान जितेंद्र सिंह ने आईआईएसएफ से जुड़ी प्रदर्शनियों और सम्मेलनों में स्टार्टअप्स को शामिल करने, मंत्रालय के सचिवों से अंतिम मंजूरियों में तेजी लाने, मंत्रालयों के बीच समन्वय और मीडिया साझेदारी को सुचारू रूप से लागू करने का आह्वान किया.
विज्ञान को जनता के करीब लाने की पहल
जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह महोत्सव वैज्ञानिक प्रगति के प्रदर्शन से हटकर एक सहभागी सार्वजनिक आयोजन बन गया है. जिसका मकसद विज्ञान, छात्रों और समाज के बीच सेतु का काम करना है. इस महोत्सव के तहत जागरूकता अभियानों पर जोर देकर स्थानीय रुचि जगाना है.आईआईएसएफ सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए जरूरी है.
आईआईएसएफ देश के सबसे बड़े विज्ञान आउटरीच मंचों में से एक के तौर पर विकसित हुआ है, जिसमें विज्ञान को जनता के और करीब लाने के लिए प्रदर्शनियों, युवा मंचों, स्टार्टअप मंडपों और इंटरैक्टिव विज्ञान थिएटर का सम्मिश्रण किया गया है. वर्ष 2025 का संस्करण चंडीगढ़ में आयोजित होने वाला है, और इसकी सफलता न केवल प्रदर्शनियों की ताकत पर निर्भर करेगी, बल्कि इस बात पर भी निर्भर करेगी कि जमीनी स्तर पर खासकर देश के स्कूली समुदायों के बीच कितनी प्रभावी ढंग से जागरूकता फैलाई जाती है.
इस मौके पर भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉक्टर एम रविचंद्रन, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉक्टर अजीत कुमार मोहंती, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉक्टर राजेश गोखले और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव एवं सीएसआईआर के महानिदेशक डॉक्टर एन कलाइसेल्वी मौजूद रहे. विज्ञान भारती के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए.

