Punjab Flood: पंजाब इन दिनों भीषण बारिश और बाढ़ की चपेट में है. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है. लगातार हो रही बारिश ने पंजाब के सभी 23 जिलों को प्रभावित किया है, जिससे 1,200 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि तीन लोग लापता हैं. सबसे ज्यादा 6 मौतें पठानकोट में हुई हैं, जबकि लुधियाना में 4 लोगों की जान गई है. अमृतसर, बरनाला, मानसा, रोपड़ और होशियारपुर में तीन-तीन, और बठिंडा, पटियाला, गुरदासपुर, मोहाली और संगरूर में एक-एक व्यक्ति की जान गई है. सबसे ज्यादा प्रभावित जिले गुरदासपुर, अमृतसर, बरनाला, कपूरथला और होशियारपुर हैं. अकेले गुरदासपुर के 324 गांव, अमृतसर के 135, बरनाला के 134 और होशियारपुर के 119 गांव जलमग्न हो चुके हैं। कुल मिलाकर राज्य के करीब 1,400 गांव पानी में डूबे हैं.
पंजाब में बंद रहेंगे स्कूल
पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को 7 सितंबर 2025 तक बंद रखने का निर्णय लिया है. शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने रविवार, 3 सितंबर को इसकी घोषणा की.
पंजाब में भयंकर तबाही
बाढ़ से प्रभावित आबादी भी तेजी से बढ़ रही है. गुरदासपुर में 1.45 लाख, अमृतसर में 1.17 लाख से अधिक लोग संकट में हैं। फिरोजपुर, फाजिल्का और पठानकोट में भी हजारों लोग प्रभावित हैं. अब तक कुल 3.5 लाख से अधिक लोग सीधे बाढ़ की मार झेल रहे हैं. राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं. एनडीआरएफ और राज्य एजेंसियां प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रही हैं.
शिक्षा मंत्री ने सबको सतर्क रहने की दी सलाह
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने नंगल इलाके के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सतलुज नदी के किनारे बने कई बांध कमजोर हो चुके हैं और लगातार बारिश से उनके टूटने का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं.

