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PM मोदी ने Swamitva Yojana पर संयुक्त राष्ट्र कांग्रेस में की टिप्पणी, ड्रोन के इस्तेमाल पर दिया जोर

सरकार द्वारा चलाए जा रहे पीएम स्वामित्व योजना का लाभ कैसे और किन्हें मिलेगा, यह सवाल अक्सर पूछे जाते हैं. इस योजना के तहत केंद्र सरकार भारत के सभी गांवों का सर्वे और मैपिंग का काम कर रही है.

संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस के पटल पर प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि डिजिटलीकरण से आज देशभर में लाभ मिल रहे हैं, जिसका उदाहरण पीएम-स्वामित्व योजना के तहत देखा जा सकता है. उन्होंने कहा, स्वामित्व योजना के तहत आज गांव में कई कृषि मजदूर परिवारों को जमीन मिल रहा है. उन्होंने कहा, आज गांव में संपत्तियों का नक्शा बनाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके उपयोग से ग्रामीणों को उनके संपत्ति कार्ड मिल रहे हैं.


जानें क्या है पीएम स्वामित्व योजना

देश में आज शहरों के तर्ज पर गांवों में भी कई योजनाएं सक्रिय रूप से कार्य कर रही है. इनमें पीएम स्वामित्व योजना सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. बता दें कि, इस योजना के तहत गांव के उन लोगों को जमीेन का मलिकाना हक दिया जा रहा है, जिनकी जमीन सरकार की सूची में दर्ज नहीं है. आज भी कई ऐसे ग्रामीण हैं, जिनकी जमीन किसी भी सराकारी आंकड़े में दर्ज नहीं हैं, उन्हें स्वामित्व योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत साल 2020 में की थी. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को आर्थक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है.

ऐसे मिलेगा योजना का लाभ

सरकार द्वारा चलाए जा रहे पीएम स्वामित्व योजना का लाभ कैसे और किन्हें मिलेगा, यह सवाल अक्सर पूछे जाते हैं. इस योजना के तहत केंद्र सरकार भारत के सभी गांवों का सर्वे और मैपिंग का काम कर रही है. गांव में रहने वाले लोगों को इसके लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है. जैसे ही सरकार गांव के मैपिंग का काम पूरा करेगी, वैसे ही ग्रामीणों को अपने जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड मिलेगा. खास बात यह है कि जिन लोगों के पास जमीन का कागज नहीं है, उन्हें घिरौनी नाम का दस्तावेज दिया जाएगा.

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ग्रामीणों को मिलेगा ये लाभ

भारत में जमीन को लेकर लाखों मामले न्यायालय में लंबित हैं. ऐसे में योजना के माध्यम से जमीन के कारण होने वाले विवाद को कम किया जा सकेगा. इसके अलावा जमीन कब्जा के खेलों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा. गांव के ग्रामीण इस योजना के तहत अपनी जमीन को आसानी से बेच सकेंगे या खरीद सकेंगे. केंद्र सरकार ने साल 2025 तक 6.62 लाख गांवों की मैपिंग कराने की योजना बनाई है.

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