Panchayati Raj: केंद्र सरकार पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास कर रही है. वैसे स्थानीय सरकार होने के कारण पंचायत राज्य का विषय है और भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची राज्य सूची का हिस्सा है. ऐसे में ग्राम पंचायतों को कंप्यूटर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की है. हालांकि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत केंद्रीय पंचायती मंत्रालय पूर्वोत्तर राज्यों को प्राथमिकता देता है. लेकिन अन्य राज्यों में भी पंचायतों के कंप्यूटरीकरण में सहायता मुहैया कराता है.
मंत्रालय आरजीएसए के तहत अपने सीमित संसाधनों के जरिये ग्राम पंचायतों के कम्प्यूटरीकरण में सहायता देता है और अब तक गोवा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव तथा लद्दाख के राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों ने 100 फीसदी पंचायतों का कंप्यूटरीकरण हो चुका है.
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) एक मांग संचालित योजना है और केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति द्वारा अनुमोदित वार्षिक कार्य योजनाओं (एएपी) की कुल राशि के एवज में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को फंड आवंटित किया जाता है. इसके अलावा मंत्रालय राज्यों और पंचायतों को केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं के साथ मिलाकर फंड के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करता है.
पंचायतों के कंप्यूटरीकरण की स्थिति
केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 263871 ग्राम पंचायतों में से 207484 पंचायतों का पूरी तरह कंप्यूटरीकरण हो चुका है और देश में अब सिर्फ 56387 पंचायत ही कंप्यूटरीकरण से मुक्त हैं. अगर राज्यों की बात करें तो बिहार में कुल 8053 ग्राम पंचायत है और सिर्फ दो हजार ग्राम पंचायतों का कंप्यूटरीकरण हो सका है. राज्य में 6 हजार से अधिक ग्राम पंचायत अभी भी कंप्यूटरीकरण के दायरे से बाहर है. वहीं झारखंड में कुल 4345 ग्राम पंचायतों में से 2248 ग्राम पंचायतों का कंप्यूटरीकरण हो चुका है और लगभग आधे ग्राम पंचायत इसके दायरे से बाहर हैं.
कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, मणिपुर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में एक भी ग्राम पंचायत कंप्यूटरीकरण के दायरे से बाहर नहीं है. पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बलवंत राय मेहता की अगुवाई में समिति का गठन किया था और इस समिति की सिफारिशों के आधार पर ही पंचायतों को सशक्त बनाने का कदम उठाया जा रहा है. सरकार की कोशिश पंचायतों को आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने की है.

