MEA Defence Briefing: गुरुवार देर रात पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की एक असफल कोशिश की. इस घटना पर जानकारी देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि 7 और 8 मई की रात पाकिस्तान ने भारतीय वायुसीमा का कई बार उल्लंघन किया. उनका उद्देश्य भारत के सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाना था. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारी कैलिबर के हथियारों से गोलीबारी की गई. इसके अलावा, लगभग 300 से 400 ड्रोन घुसपैठ के प्रयासों में इस्तेमाल किए गए. भारतीय सशस्त्र बलों ने समय रहते कार्रवाई करते हुए गतिज और गैर-गतिज साधनों से कई ड्रोन को मार गिराया और स्थिति को नियंत्रण में लिया.
कर्नल कुरैशी ने इस पूरे अभियान को भारत की सुरक्षा के खिलाफ एक सुनियोजित और खतरनाक कदम बताया, जिसमें न सिर्फ सैन्य ढांचों को बल्कि आम नागरिकों को भी खतरे में डाला गया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यह रणनीति क्षेत्रीय शांति और नागरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है.
वहीं, इस मामले पर कमेंट करते हुए कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों की निंदा की. उन्होंने कहा कि 7 मई को रात 08:30 बजे पाकिस्तान द्वारा किया गया ड्रोन और मिसाइल हमला विफल रहा, इसके बावजूद पाकिस्तान ने अपने नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान जानबूझकर नागरिक विमानों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है ताकि भारतीय जवाबी कार्रवाई से बचा जा सके. यह न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास उड़ान भरने वाले अन्य देशों के विमानों के लिए भी खतरा है.
कमांडर व्योमिका ने यह भी बताया कि भारत ने अपने हवाई क्षेत्र को नागरिक विमानों के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, जबकि पाकिस्तान की ओर से कराची और लाहौर के बीच अभी भी सामान्य नागरिक उड़ानें चल रही हैं. फ्लाइट रडार 24 के डेटा के मुताबिक, पंजाब सेक्टर में भारतीय पक्ष पर उच्च स्तरीय वायु रक्षा चेतावनी जारी है और वहाँ कोई नागरिक विमान गतिविधि नहीं हो रही, जबकि पाकिस्तानी पक्ष में उड़ानें जारी हैं.
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इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान ने भारत के भटिंडा मिलिट्री स्टेशन को भी टारगेट करने की कोशिश की. नियंत्रण रेखा पर तंगधार, अखनूर, उधमपुर सहित कई इलाकों में भी भारी गोलीबारी की गई, जिससे भारतीय सेना के कई जवान घायल हुए और कुछ को जान से हाथ धोना पड़ा. भारत ने इन हमलों का संयमित लेकिन प्रभावी जवाब दिया है, जिससे यह साफ संकेत गया है कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की जान की कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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