36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के मौजूदा कामकाज से संतुष्ट नहीं, केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू का बड़ा बयान

फास्ट ट्रैक विशेष अदालत (एफटीएससी) योजना को न्याय विभाग के अधीन संचालित किया जा रहा है. कानून मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे सुनिश्चित करना है कि जो भी विधायी काम किये जाने हैं, जमीन पर किये जाएं

केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू ने आज यानी गुरुवार को कहा कि वह देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के मौजूदा कामकाज से बहुत संतुष्ट नहीं है. उन्होंने इस तरह की अदालतों की क्षमता बढ़ाने के लिए जांच एजेंसियों और फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को मजबूत करने की वकालत की. रीजीजू ने यहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में अपने संबोधन में किसी व्यक्ति या राज्य का नाम लिये बिना कहा कि कुछ उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को और अधिक काम करना होगा.

फास्ट ट्रैक विशेष अदालत (एफटीएससी) योजना को न्याय विभाग के अधीन संचालित किया जा रहा है. कानून मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे सुनिश्चित करना है कि जो भी विधायी काम किये जाने हैं, जमीन पर किये जाएं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्र प्रायोजित योजना है और शुरू में 2019 में एक साल के लिए शुरू हुई थी जिसे बढ़ा दिया गया है और योजना के आगे विस्तार की प्रक्रिया चल रही है. मैं आश्वासन दे सकता हूं कि हम इसे आगे बढ़ाएंगे.

रीजीजू ने अपने भाषण में एफटीएससी के संबंध में आंकड़े साझा करते हुए कहा, ‘‘मार्च 2018 में मामलों के लंबित रहने के आधार पर न्याय विभाग ने कुल 1,023 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें चिह्नित कीं जिन्हें बलात्कार और पॉक्सो कानून से जुड़े मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए 31 राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में लागू किया जाना था. इनमें 389 विशेष पॉक्सो अदालत हैं.

Also Read: IND vs SL: भारत ने दर्ज की टी-20 में 100वीं जीत, पाकिस्तान के बाद ऐसा करने वाला बना दूसरा देश

उन्होंने बताया कि इन 1,023 एफटीएससी में से 769 अदालत अभी तक 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू हो चुकी हैं और 1,37,000 से अधिक मामलों का निस्तारण कर चुकी हैं. रीजीजू ने यहां विज्ञान भवन में राष्ट्रीय अधिवेशन में अपने संबोधन में कहा कि कानूनी प्रावधानों के अतिरिक्त भी काम करना होगा और समाज को महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए आगे आना होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें