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भारत में टेरर फंडिंग के लिए बिटकॉइन का हो रहा था उपयोग, चार्जशीट में NIA ने लगाया आरोप

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) (NIA) ने पिछले महीने दायर एक चार्जशीट में दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट ऑपरेटिव (Islamic State operative) जहां ज़ाईब सामी ने एक ब्रिटिश संपर्क के माध्यम से एक बिटकॉइन (BItcoin)वॉलेट एड्रेस (wallet address) की व्यवस्था की थी, जिस पर वो अपने सहयोगियों से फंडिंग का इतंजाम कर रहा था. एनआईए के चार्जशीट में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की बात सामने आयी है. इसके मुताबिक भारत में पहली बार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस तरह क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया है.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले महीने दायर एक चार्जशीट में दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट ऑपरेटिव जहां ज़ाईब समी ने एक ब्रिटिश संपर्क के माध्यम से एक बिटकॉइन वॉलेट एड्रेस की व्यवस्था की थी, जिस पर वो अपने सहयोगियों से फंडिंग का इतंजाम कर रहा था. एनआईए के चार्जशीट में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की बात सामने आयी है. इसके मुताबिक भारत में पहली बार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस तरह क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया है.

उल्लेखनीय है कि 36 साल के समी और उनकी पत्नी हिना बशी को आठ मार्च को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. उन पर देश में हमला करने की योजना बनाने का आरोप था. एनआईए के चार्जशीट के अनुसार उनदोनों को बिटकॉइन का थ्रीमा से मिला था जो एक मैसेजिंग एप के पर्ल्स नामक अकाउंट से था. यह अकाउंट सीरिया में रहने वाली ब्रिटिश महिला का था.

ब्रिटिश की महिला ने ही समी को अपना बिटकॉइन एड्रेस दिया था और उसमें पैसे जमा करने का अनुरोध किया था. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि इसके बाद समी ने भी अपने सहयोगियों को इस अकाउंट में पैसे डालन के लिए कहा था.

इस दौरान समी लीबिया स्थित एक आईएस ऑपरेटिव के साथ भी संपर्क में था. जिसके पास “ब्लॉकचेन तकनीक” के माध्यम से धन की व्यवस्था करने पर चर्चा करने के लिए एक आईडी ‘सेच टेक’ था. बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसीज ब्लॉकचैन नामक एक तकनीक का लाभ उठाती है. ये गुमनाम और ट्रैक करने में लगभग असंभव हैं. आमतौर पर डार्क वेब लेनदेन में इसका इस्तेमाल होता है. चार्जशीट में कहा गया है कि समी ने आईएस ऑपरेटिव के साथ हथियारों के स्त्रोत और विस्फोटक के लिए कच्चे माले के उपयोग पर भी चर्चा की थी.

चार्जशीट में यह भी खुलासा किया गया है की समी एक दिन में 100 धमाके करना चाहता था, इसके लिए उसने योजना तैयार कर ली थी. एनआईए को समी ने बताया की सेच टेक आईएस की खुफिया और मीडिया इकाई का सदस्य है. वह डार्क वेब में काम करता है और संगठन की फंडिंग के लिए बिटकॉइन मुहैया कराता है.

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि हथियारों की खरीद के लिए चुराए गए क्रेडिट कार्ड के जरिए धन की व्यवस्था करने पर भी चर्चा की गयी थी. बता दे कि आईएस और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों द्वारा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते उपयोग ने दुनिया भर के खुफिया एजेंसियों चिंता में डाल दिया है. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस ने 13 अगस्त को बताया था कि उसने इस साल करोड़ों डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरंसी जब्त की इसमें ले 300 खाते आईएस, अल-कायदा और हमास के सैन्य विंग के थे.

Posted By: Pawan Singh

Prabhat Khabar Digital Desk
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