हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चाचा अभय चौटाला को उन्हीं के बयान से घेरने की तैयारी कर ली है. उनके बयान के आधार पर वह उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करने की रणनीति तैयार की है.
दरअसल, अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि किसानों के मुद्दे पर संवेदनहीन विधानसभा में वे नहीं रहना चाहते. यदि 26 जनवरी तक किसानों की मांग न मानी जाए तो इस पत्र को ही उनका इस्तीफा समझा जाए. इस पर दुष्यंत ने कहा कि जिस सदन के आप पांचवीं बार सदस्य बने हैं, उसे संवेदनहीन कैसे कह सकते हैं. यदि ऐसा है तो दोबारा चुनाव लड़ कर सदन में नहीं आना चाहिए था. अब आए हैं तो सदन की गरिमा का ख्याल रखें.
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से कहा है कि पत्र मिलते ही तकनीकी तौर पर उसे देख कर कार्यवाही की जाए. दुष्यंत ने कहा कि मुझे याद है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री ने नमक के मूल्य को लेकर सदन में कोई टिप्पणी की थी जिसके बाद उन्हें सदन में माफी मांगनी पड़ी थी. सदन की गरिमा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के मामले में दुष्यंत की रणनीति यह है कि प्रस्ताव पर कांग्रेस और निर्दलीयों से भी हस्ताक्षर करवाए जाएंगे यदि वे नहीं करते हैं तो उन पर यह आरोप लगेगा कि वे इस बात को स्वीकार करते हैं. विपक्ष में भी कई सदस्य स्पीकर रह चुके हैं. वे भी इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि सदन की गरिमा का ख्याल रखना जरूरी है.