National Herald Case: ईडी ने कथित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग (National Herald money laundering case) मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस ओवरसीज चीफ सैम पित्रोदा के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. आरोपपत्र में सुमन दुबे और अन्य के नाम हैं. इस मामले में कोर्ट में 25 अप्रैल को सुनवाई होगी.
ईडी ने संपत्ति पर कब्जे के लिए जारी किया नोटिस
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति पर कब्जे के लिए नोटिस जारी किया. जिसे उसने कांग्रेस नियंत्रित ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत कुर्क किया था. जिन संपत्तियों को नोटिस दिया गया है, उसमें दिल्ली में आईटीओ (5ए, बहादुर शाह जफर मार्ग) स्थित ‘हेराल्ड हाउस’, मुंबई के बांद्रा (ई) इलाके की संपत्ति (प्लॉट संख्या-दो, सर्वेक्षण नंबर 341) और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बिशेश्वर नाथ मार्ग (संपत्ति संख्या-एक) पर स्थित ‘एजेएल बिल्डिंग’ शामिल है. नोटिस में मुख्य रूप से ईडी ने कब्जे में लिए जाने वाले परिसर को खाली करने के लिए कहा है.
ईडी ने 2021 में की थी जांच शुरू
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा 26 जून 2014 को बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत का संज्ञान लिये जाने के बाद ईडी ने 2021 में जांच शुरू की थी. ईडी ने कहा कि शिकायत में सोनिया गांधी और उनके सांसद बेटे राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ समेत कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की आपराधिक साजिश को उजागर किया गया है. इसने कहा कि शिकायत में इन सभी पर एजेएल से जुड़ी 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों को धोखाधड़ी से अपने अधीन लेने से जुड़ी धन शोधन योजना में संलिप्तता का आरोप लगाया गया है.
ईडी का दावा 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति केवल 50 लाख रुपये में हासिल की गई
ईडी ने दावा किया कि उसकी जांच में पाया गया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कथित नियंत्रण वाली एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ ने मात्र 50 लाख रुपये में एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल की, जो कि इसकी कीमत से काफी कम है. ईडी का आरोप है, “यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल 18 करोड़ रुपये के फर्जी दान, 38 करोड़ रुपये के फर्जी अग्रिम किराए और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के रूप में अपराध से अर्जित आय के लिए किया गया.”