Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा की प्रारंभिक जांच से गृह मंत्रालय को अवगत कराया गया है. जिसमें कथित बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता का संकेत मिलता है.
पिता-पुत्र के हत्यारों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान पिता और पुत्र की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है , वो दोनों भाई हैं और जाफराबाद के रहने वाले हैं. एक का नाम कालू नदाब और दूसरे का नाम दिलदार नदाब है. दोनों घटना के बाद से फरार थे. एक आरोपी को बांग्लादेश सीमा से गिरफ्तार किया गया है, तो दूसरे को बीरभूम से कब्जे में लिया गया.

नियंत्रण में मुर्शिदाबाद
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर क्षेत्र में वक्फ कानून के खिलाफ सोमवार को हिंसा भड़क उठी थी. जिसमें प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. वहीं, पुलिस ने दावा किया है कि मुर्शिदाबाद में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है, जहां पिछला दंगा हुआ था. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों, मुख्य रूप से सुती, समसेरगंज, धुलियां और जंगीपुर में सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे.
मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ितों ने सुनाई दर्दनाक कहानी
मालदा स्थित राहत शिविर में रह रहे लालचंद मंडल ने बताया, “हम शनिवार को यहां आए थे. हमारे घर में सब कुछ जल गया था. हम यहां शरण लेने आए थे. अगर यह हिंसा फिर से हुई तो हम अपने घर कैसे वापस जा पाएंगे? हम शांति चाहते हैं, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वहां शांति वापस लाई जाए.” हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद के समसेरगंज-धुलियान से पलायन करने वाले लोगों के लिए मालदा के पार लालपुर में एक राहत शिविर स्थापित किया गया है.
हमारा पूरा घर आग के हवाले कर दिया गया, पीड़ित ने बयां किया दर्द
मालदा राहत शिविर में रह रही रूपा मंडल ने बताया, “हमें यहां आए हुए 4 दिन हो गए हैं. हमारा पूरा घर आग के हवाले कर दिया गया. हम दोपहर का खाना खा रहे थे और अचानक कुछ लोग अंदर घुस आए और लूटपाट और हमला करना शुरू कर दिया. बीएसएफ के जवान हमें यहां राहत शिविर में ले गए. हमें अपने घर के लिए मुआवजा चाहिए.”