Monsoon Tracker 2025 : केरल में मानसून अगले 24 घंटों में पहुंचने वाला है. यह अपने तय समय से करीब एक सप्ताह पहले पहुंच रहा है जिसके बाद बारिश का दौर शुरू हो जाएगा. इस साल केरल में मानसून का आगमन पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी होने वाला है. राज्य में मानसून के आगमन के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां विकसित हो गई हैं, पिछले दो दिनों में केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है, जो कम दबाव वाले क्षेत्र और आगे बढ़ते मानसून सिस्टम के संयोजन के कारण हुई है. पिछली बार केरल में मानसून इतनी जल्दी 2009 और 2001 में पहुंचा था. यह 23 मई को ही राज्य में पहुंच गया था.
केरल में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि 1 जून है. हालांकि, सबसे पहले आगमन 1918 में 11 मई को दर्ज किया गया था. दूसरी ओर, देरी से आगमन का रिकॉर्ड 1972 में था, जब मानसून की बारिश 18 जून को शुरू हुई थी. पिछले 25 वर्षों में, सबसे देरी से आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून 9 जून को केरल में प्रवेश किया था.
झारखंड–बिहार में मानसून की संभावित एंट्री कब?
मौसम विभाग का अनुमान है कि बिहार में मानसून की संभावित एंट्री 13 से 15 जून के बीच हो सकती है. यह पूर्णिया और किशनगंज से होकर राज्य में प्रवेश करेगा. केरल में इस बार जल्दी मानसून की एंटी के बाद इसके आगे बढ़ने की संभावना भी जल्दी है. वहीं, झारखंड में मानसून की 7 जून तक आने की संभावना है. इसके बाद एक हफ्ते के अंदर पूरे राज्य में मॉनसून छा जायेगा.
दक्षिण के राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को केरल, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की भविष्यवाणी की है. केरल और तटीय कर्नाटक में 29 मई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, साथ ही 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ हवाएं चलेंगी. मौसम विभाग ने कहा कि अगले 5 दिनों में तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे.