Thiruvananthapuram BJP Victory: केरल के तिरुवनंतपुरम निगम चुनाव में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार जीत हासिल की है. इस जीत ने राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर कर दिया और वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) तथा कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) को चौंका दिया. भाजपा की जीत के साथ ही यह सवाल उठ रहा है कि क्या केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी आर. श्रीलेखा राज्य की राजधानी में भाजपा की पहली मेयर बनेंगी.
भाजपा ने तोड़ा वामपंथ का 45 साल का गढ़
तिरुवनंतपुरम पिछले चार दशकों से वामपंथ का गढ़ रहा है. इस बार भाजपा ने 101 वार्डों में से अकेले 50 वार्डों में जीत हासिल की, जबकि एलडीएफ ने 29 और यूडीएफ ने 19 वार्ड जीते. दो वार्ड निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम रहे. भाजपा की यह जीत राज्य में पार्टी की बढ़ती ताकत को दर्शाती है और यह राजनीतिक इतिहास में एक अहम मोड़ मानी जा रही है.
आर. श्रीलेखा: केरल की पहली महिला आईपीएस और मेयर उम्मीदवार
सास्थमंगलम वार्ड से जीत हासिल करने वाली श्रीलेखा भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की मेयर पद की चेहरा बन गई हैं. तिरुवनंतपुरम में जन्मीं श्रीलेखा जनवरी 1987 में केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनीं. 33 साल से अधिक के सार्वजनिक सेवा करियर में उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों में पुलिस नेतृत्व निभाया. 2017 में उन्हें डीजीपी पद पर पदोन्नत किया गया और वह केरल की पहली महिला डीजीपी बनीं. दिसंबर 2020 में उन्होंने सेवानिवृत्ति ली.
सेवानिवृत्ति के बाद भी श्रीलेखा सुर्खियों में रही हैं. उन्होंने कई मामलों में सवाल उठाए और हाल ही में अक्टूबर 2024 में भाजपा में शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा मिली. मेयर बनने को लेकर उन्होंने कहा कि इस पर पार्टी फैसला करेगी. इस ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा ने केरल की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत की है.

