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Ministry of Finance: देश के आर्थिक विकास पर होगा मंथन 

देश के आर्थिक विकास के रोडमैप को लेकर दिल्ली में चौथा कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन का आयोजन 3-5 अक्टूबर तक होगा. चर्चा में वरिष्ठ नीति निर्माता और अर्थशास्त्री वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति और वित्तीय प्रशासन में आवश्यक सुधारों का मूल्यांकन विषय पर बात करेंगे. आर्थिक विकास संस्थान (आईईजी) की ओर से पूर्व सांसद व ब्यूरोक्रेट्स एनके सिंह की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय के सहयोग से वर्ष 2022 में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन की शुरुआत हुई थी.

Ministry of Finance: भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच आर्थिक विकास का काम चुनौतीपूर्ण हो गया है. इन चुनौतियों के बीच देश के आर्थिक विकास के रोडमैप को लेकर दिल्ली में चौथा कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन का आयोजन 3-5 अक्टूबर तक होगा. ‘प्रतिकूल दौर में समृद्धि की तलाश’ विषय पर मंथन किया जायेगा. केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण आयोजन का उद्घाटन करेंगी, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत की विदेश एवं आर्थिक नीति पर विचार-विमर्श के साथ सम्मेलन का समापन करेंगे. 

इस दौरान विशेष सत्र का भी आयोजन होगा, जिसमें ‘संचार: उभरती हुई प्रौद्योगिकी’ विषय पर चर्चा होगी. इस सत्र को केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया संबोधित करेंगे और इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल बुनियादी ढांचे के प्रमुख विशेषज्ञ चर्चा करेंगे. सम्मेलन का समापन वैश्विक समष्टि आर्थिक विकास पर एक उच्च स्तरीय पूर्ण सत्र के साथ होगा, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा करेंगे.चर्चा में वरिष्ठ नीति निर्माता और अर्थशास्त्री वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति और वित्तीय प्रशासन में आवश्यक सुधारों का मूल्यांकन विषय पर बात करेंगे. आर्थिक विकास संस्थान (आईईजी) की ओर से पूर्व सांसद व ब्यूरोक्रेट्स एनके सिंह की अध्यक्षता में वित्त मंत्रालय के सहयोग से वर्ष 2022 में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन की शुरुआत हुई थी. 


चुनौतियों के बीच विकास पर होगा मंथन


इस वर्ष का विषय ‘प्रतिकूल दौर में समृद्धि की खोज’ भारत की विकास आकांक्षाओं और असाधारण अनिश्चितता, उथल-पुथल और बदलती भू-राजनीति के दौर में उसकी सफलता को देखते हुए प्रासंगिक है. एजेंडा में तात्कालिक नीतिगत प्राथमिकताओं को दीर्घकालिक बदलावों के साथ समाहित किया गया है. विचार-विमर्श सत्रों में एशिया के एक वैश्विक विकास केंद्र के रूप में उभरने, ब्रिक्स की उभरती संरचना, वित्तीय स्थिरता और औद्योगिक नीति में नई दिशाओं पर चर्चा होगी. चर्चा में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में बैंक डी फ्रांस के मानद गवर्नर जीन क्लाउड ट्रिचेट, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा प्रतिकूल दौर में केंद्रीय बैंकिंग की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे. 

दूसरे देश के विशेषज्ञ और नेता भी होंगे शामिल 

अंतरराष्ट्रीय नेताओं में इंडोनेशिया की पूर्व व्यापार मंत्री मारी एल्का पंगेस्टू और जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य तारो कोनो शामिल हैं. उनके साथ त्सिंगुआ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र और प्रबंधन स्कूल के डीन बाई चोंग-एन, यूके हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड करण बिलिमोरिया, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के डीन एंड्रेस वेलास्को, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अध्यक्ष और कुलपति लैरी क्रेमर और वरिष्ठ वकील एवं भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल  हरीश साल्वे जैसे कानूनी विशेषज्ञ शामिल होंगे. 

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव द्वितीय शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में कानूनी ढांचे में सुधार कैसे विकास को गति और विधि आधारित शासन को मजबूत कर सकते हैं विषय पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा, युवा रोजगार, शहरीकरण, व्यापार और क्षेत्रीय एकीकरण, तथा उभरती प्रौद्योगिकियों के जोखिमों और लाभों पर भी सत्र का आयोजन होगा. 

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