36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

दो-तिहाई प्रवासी शहरों को लौट चुके हैं या लौटना चाहते हैं: सर्वेक्षण

कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को चले गए प्रवासी कामगारों में से करीब दो-तिहाई गांवों में कौशल आधारित रोजगार के अभाव में या तो शहरों को लौट चुके हैं अथवा लौटना चाहते हैं . एक सर्वेक्षण में यह तथ्य निकल कर आया है जिसमें करीब 4,835 परिवार शामिल हुए. यह अध्ययन आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम (भारत), ऐक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट, ग्रामीण सहारा, आई-सक्षम, प्रदान, साथी-यूपी, सेस्टा, सेवा मंदिर और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन ने मिलकर किया है.

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को चले गए प्रवासी कामगारों में से करीब दो-तिहाई गांवों में कौशल आधारित रोजगार के अभाव में या तो शहरों को लौट चुके हैं अथवा लौटना चाहते हैं . एक सर्वेक्षण में यह तथ्य निकल कर आया है जिसमें करीब 4,835 परिवार शामिल हुए. यह अध्ययन आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम (भारत), ऐक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट, ग्रामीण सहारा, आई-सक्षम, प्रदान, साथी-यूपी, सेस्टा, सेवा मंदिर और ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन ने मिलकर किया है.

यह अध्ययन 24 जून से 8 जुलाई के बीच 11 राज्यों के 48 जिलों में 4,835 परिवारों के त्वरित आकलन पर आधारित है. इसमें पता चला कि 29 फीसदी प्रवासी शहरों में लौट चुके हैं और 45 फीसदी शहरों में वापस आना चाहते हैं. अध्ययन में कहा गया, ‘‘अध्ययन में गांवों में कौशल आधारित रोजगार के अभाव की बात सामने आई है, जिसके चलते अपने घरों को लौटे करीब दो-तिहाई प्रवासी या तो शहरों में वापस आ गये हैं या आना चाहते हैं.”

Also Read: कोरोना संक्रमण में मुश्किलों का सामना कर रहे रेहड़ी पटरी वालों की मदद करेंगे शेफ विकास

इसमें यह भी पता चला कि जो प्रवासी शहर लौटे हैं उनमें से 80 फीसदी से अधिक गांवों में मजदूरी का काम कर रहे थे, जो दिखाता है कि ग्रामीण इलाकों में कौशल आधारित रोजगार की कमी है. एक चौथाई से अधिक प्रवासी श्रमिक अब भी गांवों में रोजगार की तलाश में हैं.

अध्ययन के मुताबिक प्रत्येक चार परिवारों में से एक (24 फीसदी) अपने बच्चों को स्कूल से निकालने के बारे में सोच रहा है. इसमें कहा गया, ‘‘कठिनाइयां अभी बहुत हैं, ढांचागत बदलाव अब भी नजर नहीं आ रहा बल्कि ग्रामीण भारत में कोविड-19 का स्वास्थ्य जोखिम बढ़ रहा है.” अध्ययन में पता चला कि 43 फीसदी परिवारों ने भोजन में कटौती की है और 55 फीसदी ने कहा कि उन्होंने खाने की वस्तुएं घटाई हैं. आर्थिक कठिनाइयों के चलते करीब छह फीसदी परिवारों ने घरों का सामान गिरवी रखा और 15 फीसदी को अपने मवेशी बेचने पड़े.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें