Land Reform: भूमि को लेकर विवाद काफी जटिल मामला है. भूमि संबंधी विवाद से जुड़े मामलों में लंबी अदालती लड़ाई लड़नी पड़ती है. वैश्विक स्तर पर भूमि संबंधी विवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन हरियाणा के गुरुग्राम में होना है. केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय लैंड गवर्नेंस पर अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप का आयोजन कर रहा है. इस कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय का इंडियन टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कॉपरेशन और हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के सहयोग से 24-29 मार्च तक इस कार्यक्रम का आयोजन करेगा जिसमें अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया के 22 देशों के प्रतिनिधि वैश्विक स्तर पर लैंड गवर्नेस के समक्ष चुनौतियों पर विचार करेंगे.
इस वर्कशॉप में भारत के स्वामित्व योजना की खूबियों को प्रदर्शन किया जायेगा. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ड्रोन तकनीक के जरिये जमीन का मालिकाना हक मुहैया कराया गया है. वर्कशॉप में 22 देशों जैसे तुर्कमेनिस्तान, कोलंबिया, जिम्बाब्वे, फिजी, माली, सीरिया लियोन, वेनेजुएला, मंगोलिया, तंजानिया, उज्बेकिस्तान, घाना, अर्मेनिया, होंडुरास जैसे देश के 40 वरिष्ठ अधिकारी भूमि सुधार के अच्छे पहलों पर विचार-विमर्श करेंगे. इस दौरान लैंड गवर्नेंस, सतत विकास, जमीनों के ड्रोन आधारित सर्वे, जमीनों की मैपिंग जैसे विषयों पर विशेषज्ञ मंथन करेंगे.
ड्रोन से मैपिंग की आधुनिक तकनीक का होगा प्रदर्शन
वर्कशॉप के दौरान भारत में होने वाले ड्रोन सर्वे, जमीनी आंकलन और जीआईएस पंजीकरण को प्रस्तुत किया जायेगा. इस दौरान विदेशी विशेषज्ञों को भारत में चल रहे स्वामित्व योजना के जमीनी हकीकत से रूबरू कराने की कोशिश होगी. इस दौरान ड्रोन वेंडर्स प्रदर्शनी का आयोजन होगा, जिसमें जमीन सर्वे में काम आने वाले आधुनिक ड्रोन तकनीक से लाेगाें को अवगत कराया जायेगा. इसके लिए चयनित 10 ड्रोन वेंडर्स कार्यक्रम स्थल पर स्टाल लगाएंगे और इसमें आधुनिक ड्रोन की जानकारी मुहैया करायी जायेगी. कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार जमीन सर्वे को लेकर डिजिटल इनोवेशन की जानकारी देंगे.
कार्यक्रम में सर्वे ऑफ इंडिया, राज्यों के जमीन राजस्व विभाग के अधिकारी, नेशनल इंफामेटिक सेंटर, जियो स्पेशियल वर्ल्ड, हेक्सागॉन जैसी कई संस्था शामिल होगी. गौरतलब है कि विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर सिर्फ 30 फीसदी लोगों के पास जमीनों का वैध मालिकाना हक है. भारत में भूमि संबंधी विवाद को दूर करने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की गयी और यह पूरी सटीकता से काम कर रही है. इस योजना से आम लोगों को भूमि संबंधी अधिकार मिल रहा है.