Khadi: पिछले 10 वर्षों के दौरान ‘खादी क्रांति’ के कारण कारीगरों के जीवन में व्यापक बदलाव आया है. सरकार ने बुनकरों की आय में ऐतिहासिक वृद्धि की है. पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 275 फीसदी की ऐतिहासिक वृद्धि की है. पिछले 10 साल में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में 5 गुना यानी 31000 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तवर्ष 2023-24 में 1.55 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस दौरान खादी कपड़ों की बिक्री 6 गुना यानी 1.081 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 6.496 करोड़ रुपये हो गयी. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में 10.17 लाख नए लोगों को रोजगार मिला.
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के हित में आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. एक अप्रैल 2025 से खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 20 फीसदी की वृद्धि होगी.
खादी बिक्री का बनेगा नया रिकॉर्ड
उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में खादी उत्पादन और बिक्री का नया रिकॉर्ड बनेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी क्रांति के प्रभाव से खादी सिर्फ एक वस्त्र नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के आर्थिक सशक्तिकरण का आधार बन चुकी है. महाकुंभ 2025 के अवसर पर 14 जनवरी से 27 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में राष्ट्रीय स्तर की खादी और ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी में खादी के 98 और ग्रामोद्योग के 54 स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें 9.76 करोड़ रुपये की खादी और 2.26 करोड़ रुपये के ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री हुई. मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित भारत टेक्स-2025 के दौरान ‘खादी पुनर्जागरण के लिए ‘खादी फॉर फैशन’ का मंत्र दिया है.
इस मंत्र को जन-जन तक पहुंचाने और खादी को आधुनिक परिधान के रूप में लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से केवीआईसी ने हाल ही में नागपुर, पुणे. वडोदरा, चेन्नई, जयपुर प्रयागराज सहित देश के प्रमुख शहरों में भव्य खादी फैशन शो का आयोजन किया. फैशन शो के जरिये नये भारत की नयी खादी को विशेष रूप से युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास किया गया, जो सफल रहा है. इससे खादी को एक नया आयाम मिला है और यह आधुनिक परिधानों के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है.