India Space Program: अगले 15 सालों में भारत स्पेस रेस में कई उपलब्धि हासिल कर लेगा, जिसमें चंद्रयान-4, गगनयान, अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने के साथ-साथ अंतरिक्ष में 100 से ज्यादा उपग्रह प्रक्षेपित करना भी शामिल हैं. साल 2024 तक भारत स्पेस रेस में लंबी छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अगले 15 वर्षों में भारत 100 से अधिक उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है. उन्होंने कहा कि ये उपग्रह सरकारी प्रौद्योगिकी अभियानों और निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाले परिचालन मिशनों के तहत प्रक्षेपित किए जाएंगे.
विकसित भारत की दिशा में कदम- जितेंद्र सिंह
दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर आयोजित एक समारोह के दौरान मंत्री जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अगले 15 वर्षों के वास्ते एक प्रारूप भी जारी किया. इस समारोह में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी नारायणन, INSPAC के अध्यक्ष पवन गोयनका और गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्री भी मौजूद थे. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह रोडमैप 2040 और उसके आगे भारत की अंतरिक्ष यात्रा का मार्गदर्शन करेगा. साथ ही खाद्य एवं जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन क्षमता, पर्यावरणीय स्थिरता और समावेशी विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर विकसित भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करेगा.
जल्द होगा गगनयान-1 का प्रक्षेपण
जितेंद्र सिंह ने इसरो के भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी कार्यक्रम में पेश की. उन्होंने कहा कि मानवरहित गगनयान-1 मिशन का प्रक्षेपण इस साल के अंत तक होने की उम्मीद है. गगनयान-1 एक मानव-रोबोट मिशन होगा, जिसमें मानवीय रोबोट व्योममित्र अंतरिक्ष की यात्रा करेगा. वर्ष 2027 में भारत गगनयान मिशन के तहत अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्रयास करेगा. इसके बाद 2028 में चंद्रयान-4, शुक्र ग्रह के लिए एक मिशन और 2035 तक प्रस्तावित भारत अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि भारत ने 2040 तक चंद्रमा पर अपना एक अंतरिक्ष यात्री भेजने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है.

