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INS Udaygiri Himgiri: INS उदयगिरि और हिमगिरि नौसेना में शामिल, जानें इसकी खासियत, देखें वीडियो

INS Udaygiri Himgiri: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INS उदयगिरि और INS हिमगिरि भारतीय नौसेना में शामिल किया. उदयगिरि और हिमगिरि भारतीय नौसेना की नवीनतम अत्याधुनिक ‘प्रोजेक्ट 17ए’ के तहत बने हैं. दोनों अत्याधुनिक लड़ाकू जहाज अलग-अलग शिपयार्ड में तैयार किए गए हैं.

INS Udaygiri Himgiri: अत्याधुनिक लड़ाकू जहाज उदयगिरि और हिमगिरि के भारतीय नौसेना में शामिल होने के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा निर्मित INS हिमगिरि और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित INS उदयगिरि दोनों आधुनिक युद्धपोत हैं जिनका निर्माण स्वदेशी तौर पर किया गया है.” उन्होंने आगे कहा- इन युद्धपोतों में कई उन्नत क्षमताएं हैं. इनमें लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर, युद्ध प्रबंधन प्रणाली और अग्नि नियंत्रण प्रणाली लगाई जा सकती हैं. ये दोनों युद्धपोत समुद्र में खतरनाक अभियानों में गेम-चेंजर साबित होंगे.”

Udaygiri-Himgiri
उदयगिरि और हिमगिरि

भविष्य में कोई भी जहाज विदेश में नहीं बनाया जाएगा : रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “आईएनएस तमाल भारतीय नौसेना के लिए अंतिम विदेशी ऑर्डर था. हमने निर्णय लिया है कि भारतीय नौसेना के लिए भविष्य में कोई भी जहाज विदेश में नहीं बनाया जाएगा; हम अपने जहाज भारत में ही बनाएंगे. यह रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बहुत ही निर्णायक कदम है… इन युद्धपोतों के जलावतरण के साथ भारतीय नौसेना ने एक शताब्दी पूरी कर ली है.”

रडार भी नहीं पकड़ पाएगा

रक्षा अधिकारियों के अनुसार, उदयगिरि और हिमगिरि, परियोजना 17 (शिवालिक) श्रेणी के मध्यम आकार के अनुवर्ती पोत हैं, और दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टील्थ (रडार की पहुंच से बच निकलने की क्षमता), हथियार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, जो गहन समुद्री परिस्थितियों में मिशनों को अंजाम देने में सक्षम हैं. उदयगिरि, प्रोजेक्ट 17ए युद्धपोत का दूसरा जहाज है और इसका निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा किया गया है। हिमगिरि, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा निर्मित पहला पी17ए जहाज है. दोनों ही युद्धपोत पहले के डिजाइनों की तुलना में काफी अत्याधुनिक हैं.

Ins-Udaygiri-Himgiri
उदयगिरि और हिमगिरि

हिमगिरी और उदयगिरि की खासियत

विशेषताINS हिमगिरिINS उदयगिरि
क्लासप्रोजेक्ट 17A – निलगिरी क्लास फ्रिगेटप्रोजेक्ट 17A – निलगिरी क्लास फ्रिगेट
शिपयार्डगार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकातामझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई
लॉन्च तिथि14 दिसंबर 202017 मई 2022
कमीशन (नौसेना में शामिल)26 अगस्त 202526 अगस्त 2025
लंबाईलगभग 149 मीटरलगभग 149 मीटर
चौड़ाई17.8 मीटर17.8 मीटर
विस्थापन (Displacement)लगभग 6,670 टनलगभग 6,670 टन
गति (Speed)28 नॉट्स (52 किमी/घंटा) तक28 नॉट्स (52 किमी/घंटा) तक
क्रू क्षमता250 अधिकारी और नाविक250 अधिकारी और नाविक
स्टील्थ डिजाइनकम राडार सिग्नेचरकम राडार सिग्नेचर
हथियार प्रणालीसतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (SAMs) – एंटी-शिप मिसाइलें (AShM) – टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन रॉकेट – 76mm और 127mm तोपेंसतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (SAMs) – एंटी-शिप मिसाइलें (AShM) – टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन रॉकेट – 76mm और 127mm तोपें
हेलिकॉप्टर क्षमतादो मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर (जैसे MH-60R या HAL ध्रुव)दो मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर (जैसे MH-60R या HAL ध्रुव)
प्रमुख विशेषताGRSE द्वारा बनाए गए जहाजों में सबसे एडवांस फ्रिगेटMDL द्वारा बनाए गए जहाजों में सबसे एडवांस फ्रिगेट
ArbindKumar Mishra
ArbindKumar Mishra
मुख्यधारा की पत्रकारिता में 14 वर्षों से ज्यादा का अनुभव. खेल जगत में मेरी रुचि है. वैसे, मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर काम करता हूं. झारखंड की संस्कृति में भी मेरी गहरी रुचि है. मैं पिछले 14 वर्षों से प्रभातखबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इस दौरान मुझे डिजिटल मीडिया में काम करने का काफी अनुभव प्राप्त हुआ है. फिलहाल मैं बतौर शिफ्ट इंचार्ज कार्यरत हूं.

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