Mumbai Airport Deal: अदाणी समूह और हिंडनबर्ग के बीच बीते कुछ समय से काफी तनाव चल रहा है. बता दें यह तनाव तब शुरू हुआ जब हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर कई तरह के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक रिपोर्ट भी पेश की. इसी बीच कांग्रेस के राहुल गांधी ने कल लोकसभा में GVK ग्रुप पर दबाव में होने का आरोप लगाया था. आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि- भारत सरकार ने CBI और ED जैसी एजेंसीज का इस्तेमाल कर GVK ग्रुप पर मुंबई एयरपोर्ट को अदाणी समूह को देने के लिए दबाव बनाया था. राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर अब GVK ग्रुप की प्रतिक्रिया भी सामने आयी है. प्रतिक्रिया देते हुए समूह ने कहा कि- समूह के ऊपर मुंबई एयरपोर्ट में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए किसी तरह का ‘बाहरी दबाव’ नहीं था.
किसी भी प्रकार का बाहरी दबाव नहीं- GVK उपाध्यक्ष
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में GVK समूह के उपाध्यक्ष GV Sanjay Reddy ने आज संसद में कांगेस के राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों और उनके सभी दावों को खारिज कर दिया. GVK समूह पर आरोप था कि उसने दबाव में आकर मुंबई एयरपोर्ट में अपनी हिस्सेदारी अदाणी समूह को बेच दिया था. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि- अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड (AAHL) ने GVK समूह से साल 2021 जुलाई में ही मुंबई एयरपोर्ट का अधिग्रहण कर लिया था. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने आगे बताया कि- हमने अपने व्यावसायिक हित और मर्जी से एयरपोर्ट को बेच दिया था.
इस वजह से बेची गयी हिस्सेदारी
उपाध्यक्ष संजय रेड्डी ने अपने बयान में आगे बताते हुए कहा कि- GVK समूह एयरपोर्ट बिजनेस के लिए धन जुटाना चाहता था. उस बीच अदाणी समूह के गौतम अडानी ने उनसे संपर्क किया और एयरपोर्ट खरीदने में दिलचस्पी दिखाई . संजय रेड्डी ने कहा कि गौतम अदाणी ने एक महीने में यह डील पूरा करने की बात कही थी, जो GVK ग्रुप के लिए काफी जरूरी था. केवल यही नहीं GVK समूह ने अपने वित्तीय लोन के बारे में भी बात की। बात करते हुए उन्होंने कहा कि- कंपनी को वित्तीय लोन चुकाना था, जिस कारण इस डील को जल्द से जल्द पूरा करना जरुरी था. आगे बताते हुए रेड्डी ने कहा कि किसी भी और समूह ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई थी और ऐसे में मुंबई एयरपोर्ट को अदाणी ग्रुप को देने का फैसला कंपनी के हित के लिए किया गया था.