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Ek Ped Maa Ke Naam: अगली  पीढ़ी को नेट जीरो और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मार्गदर्शन किये जाने की जरूरत 

इस बार देश भर में 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है और इसे जन आंदोलन बनाने के लिए एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान को और गति दी जानी चाहिए. नेट जीरो 2070 लक्ष्य और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अगली पीढ़ी को इस दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिए.

Ek Ped Maa Ke Naam: दुनिया की तुलना में भारत कभी भी प्रदूषण फैलाने वाला देश नहीं रहा है. भारतीय सभ्यता पूरे विश्व को एक परिवार मानती है. प्रधानमंत्री ने 2070 तक भारत के लिए नेट जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प लिया है, जिसमें 2047 एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. पर्यावरण संरक्षण के इस महान प्रयास में सभी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को एक पेड़ मां के नाम 2.0 का शुभारंभ किया. उन्होंने इस पहल के लिए विशेष मॉड्यूल भी लांच किए, जिसमें मिशन लाइफ वेब पोर्टल के लिए इको क्लब और एक पेड़ मां के नाम 2.0 के लिए माइक्रोसाइट शामिल है. प्रधान ने प्रकृति के संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने, पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में उनकी अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने में विशेष मॉड्यूल, वेब पोर्टल और माइक्रोसाइट के महत्व पर प्रकाश डाला.

उन्होंने पर्यावरण शिक्षा को मुख्यधारा में लाने के लिए एनईपी 2020 के तहत शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्कूलों में “मिशन लाइफ के लिए इको क्लब” छात्रों को पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से संबंधित चिंताओं के प्रति संवेदनशील बनाएंगे और उनमें पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार और मूल्यों को बढ़ावा देंगे.

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जन अभियान को और गति देने की जरूरत 


शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष शैक्षणिक संस्थानों ने देश भर में 5 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए थे. इस बार देश भर में 10 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य है और इसे जन आंदोलन बनाने के लिए एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान को और गति दी जानी चाहिए. नेट जीरो 2070 लक्ष्य और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अगली पीढ़ी को इस दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिए. उन्होंने सभी से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाकर और उसके साथ एक सेल्फी समर्पित पोर्टल: http://ecoclubs.education.gov.in पर अपलोड करके प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया. 


दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने अपने भाषण में बताया कि कैसे विश्व पर्यावरण दिवस एक बड़ा महत्व प्रस्तुत करता है, जो सिर्फ उत्सव से आगे बढ़कर एक साथ चुनौतियों और अवसरों दोनों को प्रस्तुत करता है. उन्होंने कहा कि चुनौती, पृथ्वी के साथ-साथ अगली पीढ़ी के सपनों को पूरा करने के लिए बढ़ते तापमान को नियंत्रित करना है और अवसर है कि हम अपनी जीवनशैली में बदलाव करके इसका समाधान करें.  


स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव  संजय कुमार ने मिशन लाइफ के सात विषयों के महत्व और सीमित संसाधनों के विचारशील उपयोग के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने सभी शेष स्कूलों से मिशन लाइफ के तहत इको क्लब स्थापित करने का भी आग्रह किया. शिक्षा राज्य मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के मंत्री डॉ सुकांत मजूमदार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारतीय ज्ञान प्रणाली ने प्रकृति को जीतने के पश्चिमी विचारों के विपरीत, प्रकृति के तत्वों के साथ सामंजस्य बनाए रखने पर जोर दिया है, जैसे एक बच्चा एक देखभाल करने वाली मां के साथ रहता है. 

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