Defense: भारत ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया, किसी देश की सीमा का अतिक्रमण नहीं किया, लेकिन अगर कोई देश की संप्रभुता को चुनौती देगा तो उसका मुंहतोड़ जवाब देना जानता है. रण संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दो देशों के बीच बातचीत बंद होने के कारण तनाव बढ़ता है. लेकिन युद्ध के दौरान भी संवाद बनाए रखना काफी महत्वपूर्ण होता है. मौजूदा समय में युद्ध का तरीका तेजी से बदल रहा है और अब युद्ध कई स्तर पर लड़े जा रहे हैं. मौजूदा समय में युद्ध करने का कोई एक तय तरीका नहीं है.
पिछले कुछ सालों से युद्ध करने के तरीके में तेजी से बदलाव आया है और अब परंपरागत तरीके से युद्ध लड़ना मुश्किल हो गया है. स्थिति और हालात तेजी से बदल रहे हैं और हर देश को युद्ध की रणनीति समय के हिसाब से तय करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में युद्ध सिर्फ हथियार की बदौलत नहीं लड़े जाएंगे, बल्कि युद्ध तकनीक, खुफिया जानकारी, कूटनीति और आर्थिक पहलू के समावेश का आधार बनेंगे.
वैश्विक स्तर पर खुद को मजबूत करने के लिए तकनीक, रणनीति और हालात से निपटने की समझ का होना जरूरी हो जायेगा. भारतीय सेना को सभी तरह की सुरक्षा चुनौतियों के लिए खुद को हर स्तर पर तैयार रहने और इसके लिए तकनीक और रक्षा तैयारियों को आधुनिक बनाने पर जोर देना होगा.
आधुनिक तकनीक से तय होंगे भावी युद्ध के नतीजे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में युद्ध अप्रत्याशित हो गए हैं. यह तय करना मुश्किल है कि कोई युद्ध कब खत्म होगा. युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन इसे खत्म करना काफी मुश्किल हो गया है. भारतीय सेना को ऐसे हालात से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भावी युद्ध सेना की संख्या और हथियारों की उपलब्धता से तय नहीं होंगे. साइबर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव रहित उपकरण और सैटेलाइट आधारित निगरानी प्रणाली युद्ध की रूपरेखा तय करेंगे. किसी भी युद्ध का नतीजा रियल टाइम सूचना, सटीक खुफिया जानकारी और तय लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने वाले हथियार तय करेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर स्वदेशी प्लेटफॉर्म, हथियार सिस्टम की सफलता को सामने लाने में सफल रहा. देश ने रक्षा क्षेत्र में खुद को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए है. हालांकि अभी भारत काे लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन आने वाले समय में भारत रक्षा उपकरण निर्माण के मामले में दुनिया में एक प्रमुख शक्ति के तौर पर सामने आएगा.

