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पीएम-सीएम को हटाने वाले बिल पर गठित JPC का बहिष्कार, TMC-SP ने बनाई दूरी, समिति को बताया तमाशा

Constitution Amendment Bill: प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को 30 दिन की गिरफ्तारी पर हटाने वाले संविधान संशोधन समेत तीन विधेयकों की समीक्षा के लिए बनी जेपीसी से टीएमसी और एसपी ने दूरी बनाई. विपक्ष ने समिति को सत्तारूढ़ दल का औजार और महज दिखावा करार दिया.

Constitution Amendment Bill: प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को 30 दिन की गिरफ्तारी वाले बिल को लेकर सदन में जमकर विरोध हुआ था. अब सदन के बाहर भी इस बिल के खिलाफ विपक्षी पार्टियां एकजुट हो रही है. शनिवार को इस समिति TMC ने दूरी बनाने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह समिति में अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेगी.

बिलों के लिए गठित JPC कमेटी- TMC

TMC ने पीएम, सीएम को हटाने वाले बिल के साथ दो अन्य बिलों के लिए गठित JPC कमेटी को तमाशा बताया है. TMC ने अपने एक बयान में कहा कि पार्टी 130 वें संविधान संशोधन बिल को पेश करने वाली प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में मानना है कि JPC सिर्फ एक दिखावा है. इसलिए समिति में TMC का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा.

TMC का आरोप

TMC के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि जेपीसी अब “लोकतांत्रिक तंत्र” की जगह सत्तारूढ़ दल के वर्चस्व का औजार बन चुकी है. उन्होंने 1987 के बोफोर्स मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी विपक्ष ने जेपीसी का बहिष्कार किया था. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पूरे मानसून सत्र में, 239 सीटों वाला मोदी गठबंधन रक्षात्मक मुद्रा में रहा. भारत के उपराष्ट्रपति लापता हो गए और बीजेपी को अभी तक नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं मिला. वोट चोरी का घोटाला भी हुआ. दबाव में, उन्होंने पूरे सत्र को भटकाने और बाधित करने के लिए बेतहाशा तरीके खोजे.

समाजवादी पार्टी का भी JPC से किनारा

सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी (SP) भी इसी राह पर चल रही है और उसने भी जेपीसी में शामिल न होने का संकेत दिया है. दोनों पार्टियों का कहना है कि समिति पर सत्तारूढ़ पार्टी का प्रभाव इतना अधिक होता है कि विपक्ष की राय केवल असहमति नोट तक सिमट कर रह जाती है.

बिल को लेकर सदन में खूब हुआ हंगामा

मानसून सत्र के दौरान 20 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए. इस दौरान पीएम, सीएम और मंत्रियों की गिरफ्तारी वाले बिल को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ. इस दौरान TMC सांसदों ने अमित शाह के सामने बिल की कॉपियों फाड़ दी थीं और उनकी ओर कागज के टुकड़े उड़ाए थे.

इन बिलों का विरोध

  • संविधान (130 वां संशोधन) विधेयक 2025
  • केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025
  • जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025

इनका उद्देश्य यह तय करना है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आरोपों में 30 दिन हिरासत में रहने पर स्वतः पद से हटाए जा सकें।

कब सौंपेगी रिपोर्ट?

गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए गए तीनों बिल को लेकर लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसदों वाली JPC को विस्तृत समीक्षा करनी है. समिति से कहा गया है कि वह अपनी रिपोर्ट नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र तक संसद में पेश करें.

Shashank Baranwal
Shashank Baranwal
जीवन का ज्ञान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से, पेशे का ज्ञान MCU, भोपाल से. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के नेशनल डेस्क पर कार्य कर रहा हूँ. राजनीति पढ़ने, देखने और समझने का सिलसिला जारी है. खेल और लाइफस्टाइल की खबरें लिखने में भी दिलचस्पी है.

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