Crypto Currency Token Fraud Case: सीबीआई ने 3 अक्टूबर 2025 को दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद और बेंगलुरु में 7 स्थानों पर समन्वित तलाशी अभियान चलाया. जिसमें महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य और वित्तीय रिकॉर्ड बरामद किए गए.
क्या है मामला?
यह मामला, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दर्ज किया गया, विदेशी मास्टरमाइंड्स और भारतीय नागरिकों की मिलीभगत से रची गई आपराधिक साजिश से संबंधित है. 2021 से 2023 के बीच, भारत भर में संगठित साइबर धोखाधड़ी को लोन, नौकरी, निवेश और क्रिप्टोकरेंसी योजनाओं के नाम पर अंजाम दिया गया. इन धोखाधड़ी को कई शेल कंपनियों के माध्यम से आसान बनाया गया, जिनका उपयोग म्यूल बैंक खातों को खोलने के लिए किया गया.
इस चैनल के माध्यम ये विदेश भेजे गए पैसे
सीबीआई ने बताया- पीड़ितों से एकत्र किए गए धन को इन खातों के माध्यम से भेजा गया, क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया गया, और बाद में विदेशों में स्थानांतरित किया गया. जांच से पता चला है कि विदेशी अपराधियों के इशारे पर भारत में कई शेल कंपनियां बनाई गई थीं. इन कंपनियों को विभिन्न फिनटेक और भुगतान एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म पर शामिल किया गया था ताकि जनता के धन को एकत्र और चैनलाइज किया जा सके. एकत्र किए गए धन को क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित किया गया, और विभिन्न क्रिप्टो वॉलेट्स में स्थानांतरित किया गया, जिसके बाद अपराध की आय को छिपाने के लिए इसे सीमा पार भेज दिया गया.
सीबीआई कर रही विस्तृत जांच
सीबीआई ने धोखाधड़ी को अंजाम देने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सीमा पार वित्तीय लेनदेन का पता लगाने, अन्य शामिल व्यक्तियों और संस्थाओं की पहचान करने, और साजिश को उजागर करने के लिए आगे की जांच की जा रही है.

