Agriculture: देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है और अभी भी देश में सबसे अधिक लोग कृषि से जुड़े हुए है. कृषि उत्पादन के मामले में देश आत्मनिर्भर है, लेकिन दलहन के मामले में दूसरे देशों पर निर्भरता है. समय के साथ बढ़ते कृषि लागत के कारण किसानों की आय कम हुई है. ऐसे में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि क्षेत्र को और सशक्त बनाने के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, पशुपालन, मछली पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण को लेकर योजना शुरू की.
पीएम धन धान्य कृषि योजना पर 24 हजार करोड़, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन पर 11440 करोड़ और पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण पर 5450 करोड़ रुपये खर्च होगा. इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने इस योजनाओं को शुरू करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है. इस दिन ग्रामीण विकास और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाले भारत के दो महान सपूत लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख का जन्मदिन है.
दोनों सपूत देश के ग्रामीण लोगों की आवाज थे और उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. पीएम धन-धान्य कृषि योजना का मकसद किसानों को बेहतर बीज, उन्नत तकनीक और बाजार तक सीधे पहुंच प्रदान कर उनकी आय को दोगुना करना है. इस योजना के तहत किसानों को अनुदान और तकनीकी सहायता दी जाती है ताकि वे खेती के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का प्रयोग कर सकें.
क्या होगा फायदा
पीएम धन-धान्य योजना के लिए तीन पैमाना तय किया गया है. पहला पैमाना है खेत से कितनी पैदावार होती है, दूसरा एक खेत में कितनी बार खेती होती है और तीसरा किसानों को लोन या निवेश की कितनी सुविधा है. इस पैमाने के आधार पर 100 जिलों का चयन किया गया है. इस योजना में सरकार की 36 योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा. जैसे प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन है, सिंचाई के लिए पर ड्रॉप मोर क्रॉप अभियान, तेल उत्पादन को बढ़ाने के लिए तिलहन मिशन है.
पीएम धन-धान्य कृषि योजना में पशुधन पर भी विशेष फोकस दिया गया है. खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से पशुओं को बचाने के लिए 125 करोड़ से अधिक टीके मुफ्त लगाए गए हैं और इससे पशु भी स्वस्थ हुए हैं और किसानों की चिंता भी कम हुई है. पीएम धन-धान्य कृषि योजना में स्थानीय स्तर पर पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़े अभियान भी चलाए जाएंगे. आकांक्षी जिला कार्यक्रम की तरह पीएम धन-धान्य कृषि योजना का बहुत बड़ा दायित्व किसानों के साथ ही स्थानीय सरकारी कर्मचारियों और उस जिले के डीएम पर होगा. पीएम धन-धान्य कृषि योजना का डिजाइन ऐसा है कि हर जिले की अपनी जरूरत के हिसाब से इसकी प्लानिंग में बदलाव लाया जा सकता है. उसी तरह दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का मकसद दलहनी फसलों के उत्पादन में वृद्धि करना है.
भारत में दलहन की खपत बहुत अधिक है, लेकिन दलहन की खेती में उत्पादन कम होने के कारण भारत को निर्यात के लिए निर्भर रहना पड़ता है. इस मिशन के तहत किसानों को उन्नत बीज, बेहतर सिंचाई व्यवस्था और कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि दलहन की खेती को बढ़ावा मिल सके. इस मिशन का मकसद दाल की खेती में 35 लाख हेक्टेयर की वृद्धि करना है. इस मिशन के तहत तूर, उड़द और मसूर दाल की पैदावार बढ़ाने पर जोर होगा. दाल खरीद की उचित व्यवस्था की जाएगी और इससे देश के करीब दो करोड़ दाल किसानों को लाभ होने की संभावना है.
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