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Aayush: गिलोय की महत्ता को लेकर दुनिया में हो रहे हैं रिसर्च 

वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध बायोमेडिकल एंड लाइफ साइंस रिसर्च संस्था पबमेड का दावा है कि पिछले एक दशक में गिलाेय को लेकर प्रकाशित होने वाले रिसर्च पब्लिकेशन में 376 फीसदी की वृद्धि हुई है. इससे जाहिर होता है कि वैश्विक स्तर पर गिलोय की रोग निवारक क्षमता के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी है.

Aayush: देश में आयुर्वेद का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. आयुर्वेद में गिलोय के कई फायदे बताए गए हैं. जानकारों का कहना है कि गिलोय का सेवन काफी फायदेमंद होता है. गिलोय को लेकर भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध बायोमेडिकल एंड लाइफ साइंस रिसर्च संस्था पबमेड का दावा है कि पिछले एक दशक में गिलोय को लेकर प्रकाशित होने वाले रिसर्च पब्लिकेशन में 376 फीसदी की वृद्धि हुई है. इससे जाहिर होता है कि वैश्विक स्तर पर गिलोय की रोग निवारक क्षमता के प्रति लोगों की रुचि बढ़ी है. डेटा के अनुसार गिलोय को लेकर वर्ष 2014 में 243 अध्ययन प्रकाशित हुआ जो वर्ष 2024 में बढ़कर 913 हो गया. 


आयुष मंत्रालय द्वारा रिसर्च को बढ़ावा देने को लेकर उठाए गए कदम की जानकारी देते हुए आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि मंत्रालय आयुष के क्षेत्र में रिसर्च को प्राथमिकता दे रहा है. मंत्रालय दुनिया की प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर आयुर्वेद और हर्बल प्लांट की गुणकारी क्षमताओं को सामने लाने की दिशा में कदम उठा रहा है. हमारी कोशिश आयुर्वेद को मुख्यधारा के स्वास्थ्य सेवा से जोड़ना है ताकि लोगों को अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवा मिल सके. 

 
कोरोना के बाद बढ़ी उत्सुकता


आयुष पद्धति के तहत लंबे समय से गिलोय का उपयोग किया जाता रहा है. वैज्ञानिकों को पहले से गिलोय के फायदे के बारे में पता था. लेकिन कोरोना के बाद गिलोय को लेकर होने वाले शोध में अचानक वृद्धि देखी गयी. विशेषज्ञों का मानना है कि गिलोय में प्राकृतिक तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण है. कई रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि गिलोय प्रतिरोधक क्षमता, एंटी वायरल और अन्य रोगों से लड़ने में काफी सहायक है. इस शोध के बाद वैश्विक स्तर पर गिलोय के प्रति वैज्ञानिकों की दिलचस्पी बढ़ी है. कई शोध में यह बात सामने आयी है कि गिलोय कैंसर, इम्यून संबंधी रोग और अन्य रोगों के उपचार में काफी कारगर है.


ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर गालिब का कहना है कि वैश्विक स्तर पर गिलोय के वैज्ञानिक पहलू पर चर्चा हो रही है. दुनिया के विशेषज्ञ मानने लगे हैं कि गिलोय में रोग ठीक करने की क्षमता है. आने वाले समय में गिलोय कई शोध का विषय बनेगा. फरवरी 2025 में गुजरात यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ साइंस के अध्ययन में पता चला कि गिलोय सर्वाइकल कैंसर के उपचार में मददगार है. जनवरी 2025 में टाटा मेमोरियल सेंटर के शोधकर्ताओं ने भी गिलोय के कैंसर के उपचार को लेकर अध्ययन प्रकाशित किया है. 

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