AAP: दिल्ली में यमुना में बढ़े जलस्तर के कारण बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे और कई निचले इलाकों में पानी भर गया था. इससे आम लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा. साथ ही बाढ़ के कारण किसानों को भी व्यापक स्तर पर क्षति हुई. हालांकि यमुना में जलस्तर के कम होने के कारण हालात सामान्य हो रहे हैं. बाढ़ के सामान्य होते हालात के साथ ही इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. दिल्ली में विपक्ष की नेता आतिशी ने बाढ़ के हालात से निपटने में विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला बोलते हुए कहा कि बाढ़ के कारण हजारों परिवारों की आजीविका समाप्त हो गयी.
इसके कारण लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. बाढ़ पीड़ित परिवार सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार को इनकी कोई चिंता नहीं है. बाढ़ के कारण हजारों गरीबों के घर में घरों में रखा सामान, फर्नीचर, बर्तन, बच्चों की किताब और अन्य जरूरी सामान पानी में बर्बाद हो गए. ऐसे लोगों को मदद पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन मौजूदा दिल्ली सरकार को गरीबों की चिंता नहीं है.
पूर्व में जब दिल्ली में आम आदमी सरकार के दौरान बाढ़ आयी थी तो लोगों को सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का काम किया गया था. आतिशी ने कहा कि दिल्ली बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए उधार लेकर काम कर रहे है. जबकि संकट के समय लोगों को राहत मुहैया कराने का काम सरकार का है.
बाढ़ पीड़ितों को तत्काल मुआवजा दे दिल्ली सरकार
आतिशी ने भाजपा सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को बाढ़ पीड़ितों की परेशानी का अंदाजा नहीं है. सरकार की लापरवाही के कारण बाढ़ पीड़ितों को मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इन परिवारों की परेशानी को कम करने के लिए दिल्ली सरकार को हर बाढ़ प्रभावित परिवार को 16 हजार रुपये और किसानों को 20 हजार प्रति एकड़ का मुआवजा तत्काल मुहैया कराने का काम करना चाहिए. सरकार की ओर से आर्थिक मदद से परिवारों को दोबारा आजीविका शुरू करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय आम लोगों को सरकार की ओर से कोई मदद नहीं दी गयी. सरकार की ओर से सिर्फ बयानबाजी होती रही.
आम आदमी पार्टी के सरकार के समय हर संकट के समय दिल्ली के लोगों को राहत पैकेज देने का काम किया गया. अब दिल्ली के लोगों को समझ आ रहा है कि मौजूदा सरकार और पूर्व की सरकार के काम करने के तरीके में कितना अंतर था. भाजपा सरकार की नाकामी से साफ जाहिर होता है कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता में गरीब लोग नहीं हैं.

