नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) से अलग होकर गठित स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है.
केजरीवाल को आज लिखे पत्र में यादव ने निगम चुनाव प्रचार में जनता से हुये उनके संवाद का हवाला देते हुये कहा कि आप सरकार के दो साल के कार्यकाल में लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने दो साल पहले आप को मिले ऐतिहासिक जनादेश की वजह दिल्ली की जनता के आत्मबल को बताते हुये लिखा कि दो साल बाद वह जनता के आत्मबल को डगमगाते हुए देख रहे हैं.
उन्होंने केजरीवाल को ‘राइट टू रिकॉल’ की उनकी पुरानी मांग को याद दिलाते हुये कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान गंदगी और परेशानियों से बेहाल जनता भाजपा से बेहद नाराज दिखी. इतना ही नहीं 2015 के चुनाव में आप को एतिहासिक बहुमत देने वाले दिल्ली के मतदाता भाजपा से नाराज होने के बावजूद हताशा में भाजपा के साथ जाने को मजबूर हैं.
यादव ने इसके लिये केजरीवाल को जिम्मेवार ठहराते हुये कहा कि आप से धोखा खाने के बाद लोग उन्हीं पुरानी पार्टियों के पास जाने को मजबूर हैं जिन्हे उन्होंने दो साल पहले खारिज कर दिया था. यादव ने जनता का आत्मबल खत्म होने के लिये केजरीवाल को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अभी भी पहले की ही तरह जनता का साथ मिलने का दावा कर पूरे निगम चुनाव को अपनी लोकप्रियता के जनमत संग्रह के रुप में बदल दिया है.
यादव ने केजरीवाल को प्रस्ताव दिया कि अगर निगम चुनाव में आप को बहुमत मिलता है तो वह अपनी राय को गलत मानते हुये केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार को निशाना बनाने के उनके आरोप का समर्थन करेंगे. इसके उलट निगम चुनाव में आप के हारने पर उन्होंने केजरीवाल से ईवीएम में गडबडी का बहाना बनाने के बजाय नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर ‘‘राइट टू रिकॉल’ के सिद्धांत के आधार पर फिर से विधानसभा में बहुमत पाने के लिये जनता की शरण में जाने का अनुरोध किया . यादव के पत्र पर हालांकि आप या केजरीवाल की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गयी है.