नयी दिल्ली : देशभर में इवीएम को लेकर बहस छीड़ी हुई है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली का पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान सामने आया है. मोइली ने कहा, इवीएम को लेकर हंगामा बेकार का मुद्दा है.
उन्होंने आगे कहा, ईवीएम का विरोध विपक्ष की निराशावादी सोच का परिचायक है. उन्होंने कहा, हमारी पार्टी भी क्षेत्रिय दलों के साथ इस मुद्दे पर उतर कर विधानसभा चुनावों में हार का कारण तलाश रही है.
उन्होंने कहा, जब मैं कानून मंत्री था तो उस समय इवीएम चलन में आया था. उस समय भी इसे लेकर काफी हंगामा हुआ था, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे सुलझा लिया था. इवीएम को रद्द कर दोबारा चुनाव कराये जाने की मांग के बारे में मोइली ने कहा, हम EVM में हुई गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए कमिटी बना सकते हैं, लेकिन दोबारा पुरानी प्रक्रिया से चुनाव कराने का सवाल नहीं उठता है. गौरतलब हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाकर दोबारा चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग चुनाव आयोग से किया है, जिसे चुनाव आयोग ने इनकार कर दिया है.
मोइली ने आगे कहा, सभी देशों में हमारी चुनाव प्रक्रिया सबसे अच्छी है. इसका श्रेय UPA और कांग्रेस को मिलना चाहिए. ज्ञात हो इवीएम मुद्दे को लेकर कांग्रेस सहीत 16 विपक्षी दल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और इसकी जांच कराने की मांग की.
* क्या है मामला
यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी जीत मिलने के बाद सबसे पहले मायावती ने इवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था और भाजपा को चुनौती दी थीं कि इवीएम को हटाकर दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए. मायावती के बाद इस मुद्दे को केजरीवल ने सबसे पहले जोर-शोर से उठाया है और इसके बाद कांग्रेस पार्टी भी आंदोलन में उतर गयी. इसके अलावा मध्यप्रदेश में हुए उपचुनाव में इवीएम में गड़बड़ी का एक मामला सामने आया जिसमें कोई भी बटन दबाने पर कमल की ही परची निकल रही थी. खबर सामने आने के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया.