नयी दिल्ली : राजधानी दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने कांग्रेस नीत विपक्ष के इस आरोप का खंडन कियाहै कि आइयूएमएल सांसद ई अहमद को प्रधानमंत्री कार्यालय के दबाव में जीवित दिखाया गया ताकि एक फरवरी को बजट पेश हो सके. अस्पताल ने कहा कि ऐसे आरोप चिकित्सकों को हतोत्साहित करने वाले हैं.
आरएमएल के चिकित्साधीक्षक एके गडपायले ने कहा, ‘‘हम दबाव में क्यों आएंगे, कोई दबाव नहीं था. हमने कल एक बयान जारी करके सब कुछ समझा दिया था.’ कांग्रेस और वाम दलों ने अहमद की मृत्यु का मुद्दा आज संसद के भीतर और बाहर उठाया और आरोप लगाया कि पीएमओ के ‘‘दबाव’ में उन्हें जिंदा दिखाया गया ताकि एक फरवरी को बजट पेश हो सके. दोनों दलों ने इसकी एक संसदीय समिति से जांच की मांग की.
कांग्रेस और वाम दलों के सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाने के चलते लोकसभा की कार्यवाही समय से पहले दिनभर के लिए स्थगित होगयी क्योंकि विपक्षी दलों के सदस्यों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा किया कि 31 जनवरी को सांसद को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद उनके परिवार के सदस्यों के साथ वहां दुर्व्यवहार हुआ.