हाल में आइटीबीपी के जवानों के साथ दिवाली मनाते पीएम मोदी ने कहा था कि वन रैंक वन पेंशन को लागू करने के लिए 5,500 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी कर दी गयी है. लेकिन, पूर्व सैनिकों के एक समूह का कहना है कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना में चार प्राथमिक शर्तों को नहीं माना गया है. नोटिफिकेशन में कई त्रुटियां हैं. फिर सरकार ने विसंगतियों के निवारण के लिए कमेटी का गठन किया.
रेड्डी कमेटी की रिपोर्ट पर हो रहा मंथन
1. पेंशन का रिफिक्शेसन : तय यह हुआ था कि हर दो साल में नये सिरे से पेंशन तय होगी. लेकिन, नोटिफिकेशन में हर पांच साल में पेंशन नये सिरे से तय होने का प्रावधान है.
2. प्रीमैच्योर रिटायरमेंट: 15 साल की सेवा के बाद ही पेंशन की शर्त तय की गयी. पूर्व सैनिक कह रहे कि प्रीमैच्योर रिटायरमेंट सरकार की सहमति से ही मिलता है, इसलिए इसके पहले भी पेंशन लागू होनी चाहिए. यह मसला भी विसंगतियों पर बनी कमेटी के पास चला गया.
3. आधार वर्ष : ओआरओपी एक जुलाई, 2014 से लागू है. वर्ष 2013 को आधार वर्ष माना गया है. पूर्व सैनिक इसे एक अप्रैल, 2014 से लागू कराना चाहते हैं और आधार वर्ष 2015 रखना चाहते हैं.
4. बड़ी राशि : लागू करने के लिए शुरुआत में 8600 करोड़ की जरूरत होगी. बिना योजना के पेंशन का राजस्व 54 हजार 500 करोड़ रुपये है.
85 % जवान 40 साल से पहले रिटायर हो जाते हैं. रिटायरमेंट के बाद जवानों को अच्छा जीवन जीने के लिए अच्छी पेंशन जरूरी होती है.
सीआरपीएफ, आइटीबीपी या बीएसएफ जवान 60 साल तक नौकरी करते हैं.
5507.47 करोड़ बांटे गये
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि जुलाई, 2014 से पहले 20,63,763 लाभार्थी थे. 19,12,520 पेंशनभोगियों को पहली किश्त अदा की गयी. 1,50,313 मामले जुलाई, 2014 से पहले सत्यापन के लिए लंबित थे. 3886.88 करोड़ की पहली किस्त के तौर पर बांटा गया है. 11,33,100 लोगों को 1,604.59 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त मिली है.