38.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पाकिस्तान के लाहौर का है आतंकी बहादुर अली, बड़े ऑपरेशन को देना चाहता था अंजाम : एनआइए

नयी दिल्ली : पिछले महीने गिरफ्तार किये गये पाकिस्तानी आतंकवादी बहादुर अली के मुद्दे पर आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनएआइए ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी. एनआइए के आइजी संजीव कुमार ने बताया कि वह 11 या 12 जून को इस साल भारत मेें घुसा था और उसे 25 जुलाई को गिरफ्तार किया […]

नयी दिल्ली : पिछले महीने गिरफ्तार किये गये पाकिस्तानी आतंकवादी बहादुर अली के मुद्दे पर आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनएआइए ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी. एनआइए के आइजी संजीव कुमार ने बताया कि वह 11 या 12 जून को इस साल भारत मेें घुसा था और उसे 25 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. एनआइए ने अपनी जांच व उससे की गयी पूछताछ पर विस्तृत जानकारी दी. एनआइए प्रवक्ता ने बताया कि वह बड़े पैमाने पर भारत में विनाश को अंजाम देने की कोशिश में था. एनआइए ने उसके बारे में जो जानकारियां आज साझा की, उससे उसका कैरेक्टर मुंबई हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब जैसा लगता है.

एनआइए प्रवक्ता ने कहा कि उत्तरी कश्मीर से हाल ही में पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी और पाकिस्तानी नागरिक बहादुर अली को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी समूहों के कंट्रोलरूम से पाकिस्तानी बलों की मदद से लगातार निर्देश मिल रहे थे. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी बहादुर अली को दिया गया हथियार और गोलाबारुद का प्रशिक्षण इसमें सैन्य विशेषज्ञों का शामिल होना दिखाता है. एनआइए हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में बने हालात के पीछे लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका की भी जांच कर रहा है.

उसके पास से रेडियो सेट व अत्याधुनिक जीपीएस सिस्टम भी बरामद हुआ. वह लश्कर-ए-तैयबा के कंट्रोल रूम अल्फा – 3 से जुड़ा हुआ था और उसके हल मूवमेंट की जानकारी होती थी व उसे निर्देशित किया जाता था.

उसे जुलाई अंतिम सप्ताह में कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास नौगाम सेक्टर में हुई मुठभेड़ में जिंदा पकड़ा गया था. एनआइए प्रवक्ता ने बताया कि वह पाकिस्तान के लाहौर का रहने वाला है. उसके पाससे भारतीय मुद्रा, एके 47 राइफलें व अन्य चीजें जब्त किये गये थे. एनआइए प्रवक्ता के अनुसार, उसे लश्कर-ए-तैयबा ने कश्मीर में बुरहान अली को सुरक्षा बलों द्वारा मार दिये जाने के बाद उत्पन्न परिस्थिति का लाभ उठाने के लिए भेजा गया था.

एनआइए प्रवक्ता ने उसके कबूलनामे का वीडियो भी जारी किया है, जिसमें वह स्वयं अपने बारे में सारी जानकारी दे रहा है. उसमें वह खुद को लाहौर का रहने वाला बता रहा है. उसने बताया कि 2008 में जमात-उल-दावा को उसने ज्वाइन किया और फिर हाफिज सईद के लश्कर ए तैयाब ने उसे अतिवादी आतंकी बनाया.

उसे हाफिज सईद के संगठनों से कथित जेहाद के लिए पैसे मिलते थे. मौलाना अब्दुल रहीम ने उसके व्यक्तित्व को अतिवादी व कट्टर बनाया. इसके लिए उसे दुनिया भरके कुछ ऐसे वीडियो दिखाये जाते थे जिसके जरिये यह बताने की कोशिश की जाती थी समुदाय के साथ बड़ा अन्याय हो रहा है और जेहाद के जरिये इसका बदला लिया जा सकता है.

एनआइएआइजी संजीव कुमार ने बताया कि मुजफ्फराबाद में उसकी ट्रेनिंग हुई और उसकी फाइलन ट्रेनिंग 30 दिन की हुई थी, जिसमेें उसे टेक्निकल व आधुनिक हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया था. उसने यह भी बताया है कि पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण के कई कैंप चल रहे हैं, जहां लड़के ट्रेनिंग ले रहे हैं. कुछ आतंकियों को पश्तूतन भी सिखाई जाती थी, ताकि वे अफागनिस्तान में ऑपरेशन को अंजाम दे सकें. अबू हैदर नामक शख्स ने गूगल मैप व रूट वीडियाे के जरिये उसकी मदद भारत में घुसने में की थी. एनआइए ने कहा कि मुजफ्फराबाद में ऑपरेशन का कंट्रोल रूम था और लश्कर-ए-तैयबा का सीनियर कमांडर पूरे ऑपरेशन को कंट्रोल करता था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें